पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 48 घंटे का अस्थायी संघर्षविराम, सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच शांति की कोशिश

काबुल, 15 अक्टूबर 2025 Pakistan Afghanistan ceasefire 2025:
लगातार एक सप्ताह से सीमा पर हिंसक झड़पों के बाद Pakistan और Afghanistan ने 48 घंटे का अस्थायी संघर्षविराम (ceasefire) लागू करने पर सहमति जताई है। यह निर्णय दोनों पक्षों की आपसी बातचीत और अफगान तालिबान शासन के अनुरोध पर लिया गया है।


🔸 दोनों देशों में बातचीत से बनी सहमति

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि —

“यह संघर्षविराम दोनों देशों की आपसी सहमति से तय हुआ है। इस दौरान दोनों पक्ष रचनात्मक संवाद के ज़रिए स्थायी समाधान की दिशा में प्रयास करेंगे।”

यह घोषणा ऐसे समय आई है जब पाकिस्तान ने कंधार और काबुल में तालिबान के ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। ये हमले तालिबान द्वारा किए गए सीमा पार हमलों के जवाब में किए गए थे, जिनमें 23 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 29 घायल हुए।


🔸 ISPR की पुष्टि और सैन्य कार्रवाई

पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग ISPR के मुताबिक़, इन हमलों में तालिबान की कई बटालियनें और सीमा चौकियां नष्ट की गईं।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि —

“सभी लक्ष्य नागरिक क्षेत्रों से अलग चुने गए थे और हमले पूरी तरह सफल रहे।”


🔸 अफगानिस्तान की प्रतिक्रिया

अफगान तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने भी संघर्षविराम की पुष्टि की, लेकिन बयान में हल्का अंतर दिखाई दिया। उन्होंने कहा —

“पाकिस्तान के अनुरोध पर यह संघर्षविराम लागू किया गया है। इस्लामिक अमीरात ने अपने बलों को इसे मानने का निर्देश दिया है, बशर्ते दूसरी ओर से कोई आक्रामकता न हो।”


🔸 लगातार झड़पों के बाद बढ़ा तनाव

पिछले सप्ताहांत से दोनों देशों की सीमाओं पर हालात तनावपूर्ण बने हुए थे।
बुधवार को स्पिन बोल्दक (बलूचिस्तान) क्षेत्र में हुए हमले में पाकिस्तान ने तालिबान के चार समन्वित हमलों को नाकाम किया। इस जवाबी कार्रवाई में 15 से 20 हमलावरों के मारे जाने की खबर है।

अफगानिस्तान ने इन हमलों को “प्रतिशोधात्मक कार्रवाई” बताया और पाकिस्तान पर उसके क्षेत्र में हवाई हमले करने का आरोप लगाया।
वहीं पाकिस्तान का कहना है कि आतंकी समूह अफगान जमीन का उपयोग पाकिस्तान पर हमले करने के लिए करते हैं, जिसे काबुल नकारता है।


🔸 राजनीतिक स्थिति और भविष्य की चुनौती

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में कहा था —

“अभी स्थिति गतिरोध की है। सक्रिय युद्ध नहीं चल रहा, लेकिन माहौल बेहद तनावपूर्ण है। दोनों देशों के बीच कोई बातचीत नहीं हो रही और संघर्ष कभी भी फिर शुरू हो सकता है।”

विशेषज्ञों का मानना है कि यह 48 घंटे का संघर्षविराम दक्षिण एशिया में स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण अवसर है। यदि संवाद सफल रहता है, तो यह सीमा पार रिश्तों में नई शुरुआत हो सकती है।

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