दुर्ग, 15 अक्टूबर 2025 paddy crop pest attack in Durg:
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में इस वर्ष की खरीफ फसल — धान, किसानों की मेहनत और उम्मीद दोनों से जुड़ी है। लेकिन लगातार बारिश और उसके बाद की उमस ने अब फसल के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। खेतों में नमी और तापमान के उतार-चढ़ाव से तना छेदक, पत्ती मोड़क, भूरा माहू, ब्लड वर्म, पेनिकल माइट और जीवाणु जनित झुलसा जैसी कीट-व्याधियाँ तेजी से फैल रही हैं।
🌾 कृषि विभाग ने जारी की सतर्कता और सलाह
उप संचालक कृषि, जिला दुर्ग ने किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने जिले के सभी मैदानी अमलों को खेतों का नियमित निरीक्षण करने और किसानों को समय-समय पर समन्वित कीट एवं रोग प्रबंधन (IPM) के बारे में मार्गदर्शन देने के निर्देश दिए हैं।
कृषि विभाग ने कहा है कि “कीटों की प्रारंभिक पहचान और समय पर नियंत्रण ही नुकसान से बचाव का सबसे असरदार तरीका है।”
🚜 किसानों के लिए जरूरी सुझाव
किसानों को सलाह दी गई है कि—
- भूरा माहू के नियंत्रण के लिए खेत से 24 घंटे तक पानी का निकास करें।
- तना छेदक कीट के अंडों को पहचानकर नष्ट करें और डेड हार्ट (सूखी पत्तियाँ) को हटा दें।
- शाम 6:30 से रात 10:30 बजे तक प्रकाश प्रपंच लगाकर कीटों को आकर्षित करें और सुबह उन्हें नष्ट करें।
- खेत में ‘टी’ आकार की खुटियाँ लगाएँ ताकि पक्षी कीटों को खा सकें।
- फसल पर रस्सी घुमाने से चितरी की इल्लियाँ पानी में गिर जाती हैं, ऐसे में थोड़ा मिट्टी का तेल डालने से वे मर जाती हैं।
- संतुलित खाद का उपयोग करें, क्योंकि अत्यधिक नत्रजन (Urea) की मात्रा रसचूसक कीटों को आकर्षित करती है।
🧪 कीट और रोग नियंत्रण के लिए रासायनिक उपाय
समस्या | अनुशंसित दवा | मात्रा (प्रति एकड़) |
---|---|---|
तना छेदक | प्रोफेनाफास 40% EC + साइपरमेथ्रिन 4% EC | 400 मि.ली. या करटॉप हाइड्रोक्लोराइड 200 ग्राम |
पत्ती मोड़क (चितरी) | प्रोफेनाफास 40% EC + लैम्ब्डा सायलोथ्रिन 20% EC | 400 मि.ली. या करटॉप हाइड्रोक्लोराइड 200 ग्राम |
भूरा माहू | इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL | 80-100 मि.ली. या पाइमेट्रोजिन 50% WG, 100-120 ग्राम |
ब्लड वर्म | क्लोरपाइरीफास 10% GR | 4 किलो या क्लोरएंट्रानिलीप्रोल 460 मि.ली. |
पर्ण झुलसा रोग | स्ट्रेप्टोमाइसिन | 5 ग्राम का छिड़काव |

💧 फसल बचाने के लिए अतिरिक्त सावधानियाँ
- झुलसा रोग की स्थिति में नत्रजन युक्त खाद का छिड़काव न करें।
- खेत में पानी का स्तर नियंत्रित रखें और आवश्यकता अनुसार निकासी करते रहें।
- सभी आवश्यक दस्तावेज़ और कीटनाशक जानकारी कृषि विभाग की वेबसाइट या स्थानीय कृषि विस्तार अधिकारी से प्राप्त की जा सकती है।
🌱 किसानों की उम्मीदें अब भी कायम
लगातार बारिश से फसल की स्थिति चुनौतीपूर्ण जरूर बनी है, लेकिन किसानों में अच्छी पैदावार की उम्मीद अब भी बरकरार है। कृषि विभाग का कहना है कि यदि किसान समय पर सलाह मानें और खेतों की निगरानी करते रहें, तो नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है।
