27 Naxalites surrendered in Chhattisgarh Sukma: राज्य के नक्सल प्रभावित सुकमा ज़िले में बुधवार को 27 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 16 इनामी नक्सली भी शामिल हैं। इन सभी पर कुल 50 लाख रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण करने वालों में 10 महिलाएं भी हैं।
यह आत्मसमर्पण उस समय हुआ है जब एक दिन पहले ही वरिष्ठ नक्सली मल्लोजूला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज़िले में अपने 60 साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया था।
🔥 आत्मसमर्पण का कारण – माओवादी विचारधारा से मोहभंग
सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि नक्सलियों ने “माओवाद की खोखली विचारधारा और निर्दोष आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों” से निराश होकर आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया।
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों को राज्य सरकार की ‘नियाद नेलनार’ (आपका अच्छा गांव) योजना और नई समर्पण एवं पुनर्वास नीति ने काफी प्रभावित किया है।
💰 इनामी नक्सली और पुलिस की जानकारी
आत्मसमर्पण करने वालों में ओयाम लखमु (53), पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की बटालियन नंबर 1 का सदस्य, पर 10 लाख रुपये का इनाम था।
इसके अलावा माडवी भीमा (18), सुनीता उर्फ कवासी सोमड़ी (24) और सोडी मासे (22) पर 8-8 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
एक नक्सली पर 3 लाख रुपये, दो पर 2 लाख रुपये और नौ पर 1-1 लाख रुपये का इनाम था।
🤝 सरकार की पुनर्वास नीति का असर
सभी आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 50 हजार रुपये की तत्काल सहायता राशि दी गई है। उन्हें आगे राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत पुनर्वासित किया जाएगा।
एसपी चव्हाण ने कहा, “हम सभी नक्सलियों से अपील करते हैं कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटें। सरकार उन्हें सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
🇮🇳 नक्सलवाद खत्म करने की दिशा में बड़ी उपलब्धि
यह आत्मसमर्पण तब हुआ है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है।
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में लगातार बढ़ रही सुरक्षा बलों की उपस्थिति और विकास योजनाओं ने नक्सलियों पर दबाव बढ़ाया है। यह आत्मसमर्पण उसी बदलते माहौल की एक बड़ी मिसाल माना जा रहा है।
