सुकमा में नुआखाई पर्व पर खूनी विवाद: आपसी झगड़े में दो ग्रामीणों की मौत, पुलिस जांच में जुटी

Sukma Nuaakhai festival murder: नक्सल प्रभावित सुकमा जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। पोलमपल्ली थाना क्षेत्र के ग्राम तोयपारा में सोमवार रात नुआखाई पर्व के दौरान हुई एक आपसी बहस ने खूनी रूप ले लिया। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दो ग्रामीणों की मौके पर ही मौत हो गई।

मृतकों की पहचान पोडियम देवा (45 वर्ष) और पोडियम पोदिया (35 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों के बीच पहले किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी, लेकिन जल्द ही स्थिति बेकाबू हो गई और मारपीट शुरू हो गई। गांव वालों के अनुसार, दोनों को गंभीर चोटें आईं और वे घटनास्थल पर ही दम तोड़ बैठे।

ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना पोलमपल्ली थाना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस दल मौके पर पहुंचा, शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा और जांच प्रक्रिया शुरू की गई। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया है।

थाना प्रभारी वीरेंद्र ने बताया, “आपसी विवाद के दौरान मारपीट में दोनों की मौत हुई है। पुलिस ने मौके का निरीक्षण कर सबूत जुटाए हैं। मृतकों के परिजनों और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ जारी है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पूरी सच्चाई स्पष्ट होगी।”

पुलिस ने स्पष्ट किया है कि घटना की जांच दो एंगल से की जा रही है — एक, आपसी विवाद का परिणाम, और दूसरा, संभावित हत्या की साजिश का पहलू। फिलहाल क्षेत्र में शांति है, लेकिन ग्रामीणों के बीच आशंका और दुख का माहौल बना हुआ है।

🌾 नुआखाई पर्व का सांस्कृतिक महत्व:

नुआखाई बस्तर और छत्तीसगढ़ का प्रमुख कृषि पर्व है, जिसे नई फसल आने पर उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व एकता और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इस बार सुकमा के तोयपारा गांव में यह पर्व दुःख और मातम में बदल गया।

ग्रामीणों का कहना है कि इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। पुलिस अब यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि ऐसे विवाद भविष्य में न हों और नुआखाई पर्व की पवित्रता बनी रहे।

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