रायपुर, 14 अक्टूबर 2025 Saumya Chaurasia disproportionate assets case:
छत्तीसगढ़ की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया पर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 46.96 करोड़ रुपये की disproportionate assets केस में चार्जशीट दाखिल की है। जांच एजेंसी के अनुसार, यह राज्य के इतिहास में किसी सरकारी अधिकारी के खिलाफ दर्ज सबसे बड़ा भ्रष्टाचार मामला है।
⚖️ 1872% अधिक संपत्ति का खुलासा
ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट के मुताबिक, सौम्या चौरसिया के पास पाई गई संपत्ति उनकी ज्ञात आय के स्रोतों से 1872 प्रतिशत अधिक है। एजेंसी ने बताया कि यह अब तक का सबसे उच्च मूल्य वाला disproportionate assets केस है, जबसे छत्तीसगढ़ राज्य का गठन नवंबर 2000 में हुआ था।
🏛️ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रह चुकीं
सौम्या चौरसिया पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव के रूप में कार्यरत थीं। दिसंबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें 540 करोड़ रुपये के कथित कोल लेवी घोटाले में गिरफ्तार किया था। उस समय ईडी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध आर्थिक लाभ अर्जित किया।
🕊️ सुप्रीम कोर्ट से मिली थी जमानत
लंबे समय तक न्यायिक हिरासत में रहने के बाद, मई 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत प्रदान की थी। हालांकि, ईओडब्ल्यू की जांच समानांतर रूप से जारी रही और अब जांच पूर्ण होने के बाद अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई है।
🧾 राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा मामला
EOW अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई एजेंसी के 25 वर्षों के इतिहास में सबसे बड़ी मानी जा रही है। इससे पहले किसी भी अधिकारी के खिलाफ इतनी बड़ी राशि की संपत्ति का खुलासा नहीं हुआ था।
💬 EOW की सख्त कार्रवाई पर बढ़ी राजनीतिक हलचल
इस चार्जशीट के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कदम बताया है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि मामला राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है।
🌐 EOW का उद्देश्य और भविष्य की कार्रवाई
जांच एजेंसी ने संकेत दिया है कि चार्जशीट के बाद संपत्ति की उत्पत्ति और लेनदेन से जुड़े व्यक्तियों पर भी आगे की कार्रवाई हो सकती है। एजेंसी का कहना है कि “भ्रष्टाचार के हर मामले में साक्ष्य-आधारित कार्रवाई की जाएगी, चाहे आरोपी कोई भी हो।”
