नई दिल्ली, 14 अक्टूबर 2025 Sonam Wangchuk detention under NSA: लेह के जिला मजिस्ट्रेट ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) ने अभी तक अपनी NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत हुई गिरफ्तारी पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है।
डीएम ने अपने हलफनामे में बताया कि 26 सितंबर को जारी हुआ गिरफ्तारी आदेश पूरी कानूनी प्रक्रिया से गुजरा था। यह आदेश राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विश्वसनीय सूचनाओं पर आधारित था।
लद्दाख में राज्य का दर्जा मांगने को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद वांगचुक को हिरासत में लिया गया। डीएम ने अवैध गिरफ्तारी के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वांगचुक की पत्नी को तुरंत सूचना दी गई थी और परिवार को जोधपुर सेंट्रल जेल स्थानांतरण की जानकारी समय पर दी गई।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के पांच दिनों के भीतर, यानी 29 सितंबर को, वांगचुक को हिरासत के कारणों की जानकारी दी गई। यह कदम NSA की धारा 8 के तहत अनिवार्य है।
डीएम ने यह भी बताया कि वांगचुक की चिकित्सीय जांच दो बार की गई – एक बार गिरफ्तारी के बाद और दूसरी बार जेल में दाखिले के समय। दोनों बार उन्हें स्वस्थ पाया गया।
जेल अधीक्षक ने भी उनकी फिटनेस की पुष्टि की। 4 अक्टूबर को उनके वकील मुस्तफा हाजी और भाई त्सेतन दोरजे ने उनसे मुलाकात की। 7 अक्टूबर को उनकी पत्नी डॉ. गीतेनजली अंगमो और अधिवक्ता सर्वम ऋथे खरे ने भी एक घंटे तक उनसे बात की।
वांगचुक के अनुरोध पर 12 अक्टूबर को उन्हें लैपटॉप दिया गया। जेल प्रशासन ने बताया कि यह सुविधा नियमों में अनिवार्य नहीं है, फिर भी मानवीय दृष्टिकोण से दी गई।
यह हलफनामा उस याचिका के जवाब में दाखिल किया गया है जिसे डॉ. गीतेनजली अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया है। उन्होंने अपने पति की NSA के तहत गिरफ्तारी को चुनौती दी है। अब यह मामला न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजरिया की पीठ के समक्ष कल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
