छत्तीसगढ़ की 90 वर्षीय देवला बाई पटेल का पेड़ से अटूट रिश्ता: 20 साल पुराना पीपल का पेड़ काटे जाने पर फूट-फूटकर रोई, किरेन रिजिजू ने साझा किया ‘दिल दहला देने वाला’ वीडियो

Devla Bai Patel peepal tree viral video: छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के सर्रागोंडी गांव की 90 वर्षीय देवला बाई पटेल का एक वीडियो इन दिनों पूरे देश में भावनाओं की लहर पैदा कर रहा है। वीडियो में वे उस पीपल के पेड़ के ठूंठ के सामने रोती हुई दिखाई देती हैं, जिसे उन्होंने दो दशक पहले अपने हाथों से लगाया था।

उनके लिए यह पेड़ सिर्फ एक पेड़ नहीं था, बल्कि उनके जीवन का हिस्सा था — जैसे कोई मां अपने बच्चे को पालती है। लेकिन कुछ दिन पहले, वह पेड़ अवैध रूप से काट दिया गया।

यह दृश्य इतना भावुक था कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू भी खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने इस वीडियो को X (पूर्व ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा —

“यह बहुत दिल दहला देने वाला दृश्य है! एक बुजुर्ग महिला अपने 20 साल पुराने पीपल के पेड़ के कटने पर फूट-फूटकर रोती है।”
उन्होंने इस पोस्ट को #EkPedMaaKeNaam टैग के साथ साझा किया, जिससे हजारों लोगों ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी।

गांव में भी इस घटना को लेकर गुस्सा और दुख का माहौल है। करीब सौ से अधिक ग्रामीणों ने उस स्थान पर एकत्र होकर पेड़ की आत्मा से क्षमा मांगने का अनुष्ठान किया। 7 अक्टूबर को ग्रामीणों ने देवला बाई के साथ मिलकर एक नया पीपल का पौधा लगाया, और पांच दिन बाद स्थानीय विधायक यशोदा वर्मा ने भी वहां रुद्राक्ष का पौधा रोपित किया।

इस मामले में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों — इमरान मेमन, जो पास की जमीन का सौदागर है, और उसके साथी प्रकाश कोसरे — को गिरफ्तार किया। बताया गया कि इमरान ने बिना अनुमति के सड़क निर्माण के लिए पेड़ कटवाया, और सबूत मिटाने के लिए काटने वाली मशीन को नदी में फेंक दिया। अब गोताखोर मशीन बरामद करने में जुटे हैं।

पुलिस ने दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 298 (धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने के इरादे से चोट या अपमान), धारा 238 (सबूत नष्ट करने का प्रयास), और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

देवला बाई, जो अपने बच्चों और पोते-पोतियों के साथ गांव में रहती हैं, ने यह पीपल का पौधा 20 साल पहले सरकारी भूमि पर लगाया था। धीरे-धीरे यह स्थान गांव का पूजास्थल बन गया था, जहां ग्रामीण धागे बांधकर मनोकामनाएं मांगते थे और पास में घोड़ा देव की मूर्ति भी स्थापित थी।

6 अक्टूबर को जब ग्रामीणों ने पेड़ को कटा हुआ देखा, तो पूरे इलाके में आक्रोश की लहर फैल गई। स्थानीय ग्रामीण प्रमोद पटेल की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।

यह घटना न सिर्फ एक महिला और उसके पेड़ की कहानी है, बल्कि यह याद दिलाती है कि एक पेड़ और इंसान के बीच का रिश्ता कितना गहरा और संवेदनशील हो सकता है।

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