सबरीमाला सोना चोरी मामला: कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने तीन पूर्व देवस्वम मंत्रियों की जांच की मांग की

Sabarimala gold theft case: सबरीमाला मंदिर में हुए सोना चोरी (Sabarimala gold theft case) को लेकर केरल की राजनीति में नई हलचल मच गई है। कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) सदस्य और विधायक रमेश चेन्निथला ने इस मामले में पिछले दस वर्षों में देवस्वम विभाग (Devaswom Portfolio) संभालने वाले तीन मंत्रियों की भूमिका की जांच की मांग की है।

रविवार को जारी एक बयान में चेन्निथला ने कहा कि त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (Travancore Devaswom Board – TDB) में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बिना देवस्वम मंत्रियों की जानकारी के संभव नहीं हो सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि यह “भ्रष्टाचार मंदिर की आस्था के साथ विश्वासघात” है।

🔍 तीन पूर्व मंत्रियों की भूमिका पर सवाल

चेन्निथला ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में केवल निचले स्तर के कर्मचारियों को आरोपी बनाना पर्याप्त नहीं है। उन्होंने मांग की कि देवस्वम बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष और सदस्यों को भी आरोपियों की सूची में शामिल किया जाए, और उन पर व्यक्तिगत स्तर पर आरोप तय किए जाएं।

उन्होंने कहा,

“कोई भी व्यक्ति कितना भी ऊँचे पद पर क्यों न हो, अगर उसने मंदिर से चोरी की है तो उसे सज़ा मिलनी चाहिए। अगर इन लोगों में इतना साहस है कि वे मंदिर के दरवाज़ों के फ्रेम तक उखाड़ लें, तो भक्तों द्वारा चढ़ाए गए अनगिनत सोने-चांदी के चढ़ावे की लूट की कल्पना भी नहीं की जा सकती।”

🛕 आस्था और जवाबदेही का सवाल

सबरीमाला मंदिर दक्षिण भारत के सबसे आस्था-पूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है, जहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं। Sabarimala gold theft case ने श्रद्धालुओं में गुस्सा और निराशा दोनों को जन्म दिया है। लोगों का कहना है कि यह सिर्फ चोरी नहीं, बल्कि भगवान अयप्पा की आस्था से जुड़ा एक गंभीर अपराध है।

चेन्निथला ने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, चाहे वे मंत्री हों या बोर्ड के पदाधिकारी।

⚖️ राजनीतिक प्रतिक्रिया

कांग्रेस के इस आरोप ने राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। विपक्ष ने कहा है कि “सरकार इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है,” जबकि सत्तारूढ़ दल की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।