चंडीगढ़/नई दिल्ली:
Haryana IPS officer Puran Kumar suicide case में नया मोड़ आया है। हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या मामले में पुलिस ने अब FIR में अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(2)(v) जोड़ दी है। यह कार्रवाई मृतक अधिकारी की पत्नी और IAS अधिकारी अमनीत पी कुमार के आग्रह पर की गई है।
अमनीत ने पुलिस को लिखे पत्र में कहा था कि एफआईआर में “कमजोर धाराएं” लगाई गई हैं और धारा 3(2)(v) इस मामले में लागू होती है क्योंकि उनके पति को जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था।
⚖️ SIT ने जांच संभाली, FIR में नई धारा जोड़ी गई
चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार, जो छह सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) का नेतृत्व कर रहे हैं, ने पुष्टि की है कि नई धारा जोड़ी जा चुकी है। SIT इस मामले की “त्वरित और निष्पक्ष” जांच कर रही है।
FIR में पहले आत्महत्या के लिए उकसाने (Section 108 read with 3(5)) और SC/ST एक्ट की धारा 3(1)(r) के तहत मामला दर्ज किया गया था। अब 3(2)(v) जोड़ने के बाद केस और गंभीर हो गया है।
👩💼 पत्नी अमनीत पी कुमार की मांगें और आरोप
अमनीत ने अपने पत्र में हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर और तत्कालीन रोहतक SP नरेंद्र बिजारनिया पर सीधे तौर पर उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनके पति को “सिस्टमेटिक पर्सिक्यूशन” यानी सुनियोजित प्रताड़ना का शिकार बनाया गया था।
अमनीत ने यह भी आरोप लगाया कि एफआईआर में नामजद अधिकारियों की गिरफ्तारी में देरी की जा रही है और परिवार के साथ न्याय नहीं हो रहा।
🧑✈️ सरकार ने किया तबादला, परिवार ने किया पोस्टमार्टम से इनकार
मामले के बढ़ने के बाद हरियाणा सरकार ने रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया का तत्काल तबादला कर दिया है और उनकी जगह सुरिंदर सिंह भोरिया को नियुक्त किया गया है।
हालांकि, पूरन कुमार का परिवार अभी तक पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं हुआ है, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
🕊️ ‘फाइनल नोट’ में लिखे गंभीर आरोप
पूरन कुमार (52), जो 2001 बैच के IPS अधिकारी थे, ने अपनी कथित आत्महत्या से पहले एक “अंतिम नोट” छोड़ा था जिसमें उन्होंने आठ वरिष्ठ अधिकारियों के नाम लिए हैं — जिनमें DGP कपूर और तत्कालीन रोहतक SP बिजारनिया शामिल हैं।
उन्होंने पत्र में लिखा कि उन्हें जातिगत आधार पर परेशान किया गया और बदनाम करने की कोशिश की गई।
👨⚖️ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का बयान
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि “किसी की भी हैसियत कुछ भी हो, दोषी बच नहीं पाएगा।”
उन्होंने विपक्ष से अपील की कि मामले को राजनीति से न जोड़ा जाए।
🪔 न्याय की मांग में बना मोर्चा
इस बीच, ‘शहीद वाई पूरन सिंह न्याय संघर्ष मोर्चा’ नामक 31 सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो परिवार की मांगों को सरकार तक पहुंचा रही है। समिति ने रविवार को चंडीगढ़ में महापंचायत आयोजित करने की घोषणा की है।
📌 पृष्ठभूमि और सेवा रिकॉर्ड
वाई पूरन कुमार हाल ही में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (PTC) सुंनारिया, रोहतक में आईजी के पद पर पदस्थ थे।
वे अधिकारियों के अधिकारों और वरिष्ठता के मुद्दों पर अपनी सशक्त आवाज़ के लिए जाने जाते थे।
🔍 निष्कर्ष
Haryana IPS officer Puran Kumar suicide case सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि प्रशासनिक तंत्र में जातिगत भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न के गहरे सवाल उठाता है।
अब जब FIR में SC/ST एक्ट की कड़ी धारा जोड़ी जा चुकी है, परिवार को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा।
