खैरागढ़ (छत्तीसगढ़), 12 अक्टूबर 2025 85-Year-Old Woman Breaks Down As Tree She Cared For 20 Years Is Cut।
छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले से एक दिल दहला देने वाला दृश्य सामने आया है। एक 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला अपने आंगन में लगाए गए उस पीपल के पेड़ के कटने पर फूट-फूटकर रो पड़ी, जिसकी उसने 20 वर्षों तक बच्चों की तरह देखभाल की थी।
इस हृदयविदारक दृश्य का वीडियो केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (ट्विटर) पर साझा किया, जिसके बाद यह वीडियो देशभर में वायरल हो गया।
🌳 पेड़ था बेटे जैसा, हर दिन करती थी पूजा और सिंचाई
महिला का नाम देओला बाई है, जो खैरागढ़ के सारा गोंडी गांव में रहती हैं। करीब 20 साल पहले उन्होंने अपने आंगन में एक छोटा सा पीपल का पौधा लगाया था। वे रोज़ उस पेड़ को पानी देतीं, पूजा करतीं और उसकी छांव में बैठकर घंटों बिताती थीं।
गांववालों का कहना है कि वह पेड़ उनके लिए संतान जैसा था। लेकिन 5 अक्टूबर की सुबह उस पेड़ को कुछ लोगों ने मुनाफे के लिए अवैध रूप से काट दिया।
😭 पेड़ के कटते ही टूट गई देओला बाई की दुनिया
जब बुजुर्ग महिला ने देखा कि उनका प्रिय पेड़ जड़ से काट दिया गया है, तो वे ज़मीन पर गिर पड़ीं।
वीडियो में देखा जा सकता है कि वह रोते-रोते पेड़ के ठूंठ से सिर लगाकर बैठी हैं, जैसे किसी अपने का शोक मना रही हों।
केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा —
“यह दृश्य बेहद दर्दनाक है। छत्तीसगढ़ में 20 साल पुराने पेड़ के कटने के बाद एक बुजुर्ग महिला बुरी तरह रो पड़ीं। यह सिर्फ एक पेड़ नहीं, उनके जीवन का हिस्सा था।”
⚖️ पुलिस ने दर्ज किया मामला, दो आरोपी गिरफ्तार
गांव के एक निवासी की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की।
खैरागढ़ थाने में धारा 298 (धार्मिक भावनाएं आहत करने का प्रयास) और भारतीय न्याय संहिता की धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने बताया कि दो आरोपियों — इमरान मेमन और प्रकाश कोसरे — को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने यह पेड़ सरकारी ज़मीन समतल करने के लिए काटा था, जो हाल ही में खरीदे गए प्लॉट के सामने स्थित थी।
🌿 गांव और सोशल मीडिया पर शोक की लहर
घटना के बाद सारा गांव गमगीन है। लोग देओला बाई के पास जाकर उन्हें सांत्वना दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो लाखों लोगों ने देखा है और सभी बुजुर्ग महिला के पर्यावरण प्रेम और उनकी संवेदनशीलता को सलाम कर रहे हैं।
💬 पर्यावरण संरक्षण का संदेश
यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि समाज के लिए एक संदेश है कि पेड़ सिर्फ लकड़ी नहीं, जीवन का प्रतीक हैं। देओला बाई का दर्द हमें यह सिखाता है कि प्रकृति से प्रेम करना ही सच्ची इंसानियत है।
📌 निष्कर्ष:
“85-Year-Old Woman Breaks Down As Tree She Cared For 20 Years Is Cut” — यह कहानी न सिर्फ एक बुजुर्ग महिला की, बल्कि उस इंसानियत की भी है जो धीरे-धीरे कटती जा रही है। छत्तीसगढ़ की इस घटना ने पूरे देश को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कहीं हम भी तो अपने पेड़ों से मुंह नहीं मोड़ रहे।
