भोपाल, 12 अक्टूबर 2025 IAS Nagarjun B Gowda corruption allegations।
मध्य प्रदेश के चर्चित IAS अधिकारी डॉ. नागरजुन बी. गौड़ा, जो IAS श्रृष्टि देशमुख के पति हैं, पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगे हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता आनंद जाट ने दावा किया है कि उन्होंने एक खनन कंपनी “पाथ इंडिया” से 10 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कंपनी पर लगाए गए भारी जुर्माने को घटाकर मामूली रकम कर दिया।
⚖️ क्या हैं आरोप?
RTI एक्टिविस्ट आनंद जाट ने बताया कि जब डॉ. नागरजुन बी. गौड़ा हारदा जिले के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (ADM) थे, तब उन्होंने पाथ इंडिया कंपनी पर लगे 51.67 करोड़ रुपये के जुर्माने को घटाकर मात्र 4000 रुपये कर दिया।
यह कंपनी इंदौर-बेतूल हाईवे निर्माण कार्य में जुड़ी हुई है और इस पर आरोप है कि इसने अनुमति से अधिक मात्रा में मुर्रम मिट्टी की खुदाई की।
जाट ने दावा किया कि उनके पास फोटो, वीडियो और आरटीआई दस्तावेज के रूप में ठोस सबूत हैं। उन्होंने मीडिया को 55 पेज की रिपोर्ट भी दिखाई जिसमें कंपनी द्वारा अनुमति सीमा से कई गुना अधिक मिट्टी निकालने के प्रमाण दिए गए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला 10 करोड़ रुपये की रिश्वत डील से जुड़ा है और अधिकारी ने कंपनी को बचाने के लिए इतना बड़ा आर्थिक लाभ पहुंचाया।
🗣️ IAS डॉ. नागरजुन बी. गौड़ा ने क्या कहा?
IAS डॉ. नागरजुन बी. गौड़ा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि उनका निर्णय आधिकारिक दस्तावेज़ों और न्यायालय के रिकॉर्ड के आधार पर लिया गया था।
उन्होंने नवभारत टाइम्स को दिए बयान में कहा —
“भूमि को कई वर्षों से वैध खनन अनुमति प्राप्त थी। मैंने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया है। दो वर्षों में मेरे आदेश के खिलाफ कोई अपील दर्ज नहीं हुई है। मेरा निर्णय पूर्णतः साक्ष्यों पर आधारित था, न कि किसी व्यक्तिगत स्वार्थ पर।”
उन्होंने आगे कहा कि वे पूरी तरह पारदर्शिता से काम करते हैं और उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।
👨⚕️ कौन हैं IAS डॉ. नागरजुन बी. गौड़ा?
डॉ. नागरजुन बी. गौड़ा मध्य प्रदेश कैडर के 2019 बैच के IAS अधिकारी हैं और वर्तमान में खंडवा जिला पंचायत के CEO पद पर तैनात हैं।
वे MBBS डॉक्टर भी हैं और IAS श्रृष्टि देशमुख, जो सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हैं, उनके पति हैं।
🔍 मामला अब जांच के घेरे में
हालांकि अभी तक सरकार या किसी जांच एजेंसी ने औपचारिक जांच की घोषणा नहीं की है, लेकिन सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से वायरल हो गया है। कई यूजर्स ने इस पर सरकारी पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता आनंद जाट ने कहा कि वे जल्द ही इस मामले की शिकायत लोकायुक्त कार्यालय में दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं।
