Indian Mobile Congress में बोले ओ.पी. चौधरी: नक्सल प्रभावित इलाकों में मोबाइल टावर लगाने की जरूरत, पीएम मोदी से की विशेष मांग

नई दिल्ली/रायपुर:
Indian Mobile Congress 2025 में शामिल हुए छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में ग्रामीण भारत की कनेक्टिविटी को लेकर अहम मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में मोबाइल टावरों की स्थापना के मानदंडों को सरल बनाने की आवश्यकता है, ताकि ग्रामीण और नक्सल प्रभावित इलाकों तक डिजिटल सुविधा पहुंच सके।


📡 मोबाइल टावरों के मानदंड सरल करने की मांग

वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि कई गांव ऐसे हैं, जहां आज भी नेटवर्क की समस्या बनी हुई है। उन्होंने कहा,

“मोबाइल टावर लगाने के नियम इतने जटिल हैं कि कई योजनाएं अधर में लटकी रहती हैं। हमें यह प्रक्रिया सरल करनी होगी ताकि देश के हर नागरिक तक डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंचे।”


🔥 नक्सल प्रभावित इलाकों में संचार की जरूरत पर जोर

चौधरी ने मंच से कहा कि छत्तीसगढ़ देश की आंतरिक सुरक्षा की सबसे बड़ी चुनौती — वामपंथी उग्रवाद — के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि नक्सल प्रभावित इलाकों में मोबाइल टावर लगाने की विशेष अनुमति दी जाए।

“मैंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि 250 या उससे अधिक आबादी वाले गांवों में और 100 या उससे अधिक आबादी वाले नक्सल प्रभावित गांवों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत मोबाइल टावरों की मंजूरी दी जाए।”


🇮🇳 देश की सुरक्षा और विकास दोनों का संतुलन जरूरी

चौधरी ने कहा कि नक्सल क्षेत्रों में संचार की कमी सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती है। यदि इन क्षेत्रों में नेटवर्क उपलब्ध हो जाए, तो यह न केवल विकास को गति देगा बल्कि सुरक्षा अभियानों को भी मजबूत करेगा।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र के सहयोग से राज्य के सुदूर इलाकों तक सड़क, बिजली और नेटवर्क जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने पर निरंतर कार्य कर रही है।


🏁 प्रधानमंत्री मोदी ने किया था उद्घाटन

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Indian Mobile Congress का उद्घाटन किया और देश को 5G कनेक्टिविटी विस्तार और टेक्नोलॉजी इनोवेशन के नए युग में प्रवेश की बधाई दी।

ओ.पी. चौधरी के संबोधन को लेकर प्रतिभागियों ने सराहना की और कहा कि छत्तीसगढ़ ने न केवल विकास बल्कि सुरक्षा और तकनीकी समानता की आवाज भी मंच से बुलंद की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *