Chhattisgarh Coal DMF scam:
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल और DMF (District Mineral Foundation) घोटाले में अब एक और गंभीर विवाद सामने आया है। आरोपी निखिल चंद्राकर का बयान अदालत के बाहर टाइप कर पेश करने का मामला सामने आया है, जिससे पूरी जांच प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं।
⚖️ बयान अदालत के बाहर टाइप करने पर उठे सवाल
मामले की जानकारी के अनुसार, आरोपी का बयान ईओडब्ल्यू अदालत में दर्ज होना था, लेकिन कथित तौर पर अदालत कक्ष के बाहर बयान टाइप कर प्रस्तुत किया गया। नियमों के अनुसार, ऐसा बयान केवल अदालत के भीतर ही टाइप और रिकॉर्ड किया जा सकता है।
इस प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी को लेकर बचाव पक्ष ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है।
🧾 हाईकोर्ट में शिकायत और फॉरेंसिक जांच की मांग
बचाव पक्ष के वकीलों ने एसीबी के IG अमरेश मिश्रा, ASP चंद्रेश ठाकुर, और DSP राहुल शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि बयान प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन किया गया और अदालत के समक्ष गलत दस्तावेज़ पेश किए गए।
वकीलों ने अदालत से मांग की है कि इस पूरे मामले की फॉरेंसिक जांच कराई जाए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि बयान की टाइपिंग और प्रस्तुति में गड़बड़ी कैसे और कहां हुई।
🗣️ वरिष्ठ अधिवक्ता का आरोप
वरिष्ठ अधिवक्ता फैजल रिजवी ने कहा कि,
“यह पूरी प्रक्रिया न्यायिक नियमों के खिलाफ है। अदालत के बाहर बयान टाइप कराना न्याय व्यवस्था के साथ खिलवाड़ है। इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले में सबूतों से छेड़छाड़ की गई और अदालत के समक्ष भ्रामक जानकारी पेश की गई।
📅 अदालत ने अधिकारियों को तलब किया
मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने संबंधित अधिकारियों को 25 अक्टूबर तक पेश होने के निर्देश दिए हैं। अब सबकी निगाहें इस जांच के नतीजों पर टिकी हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अदालत में यह साबित हो जाता है कि बयान की प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है, तो यह Chhattisgarh Coal DMF scam में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।
🧩 जनता की निगाहें पारदर्शिता पर टिकीं
इस नए खुलासे के बाद कोल और DMF घोटाले की जांच प्रक्रिया पर कई गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
जनता और न्यायिक विशेषज्ञ अब उम्मीद कर रहे हैं कि इस विवाद की निष्पक्ष जांच होगी और पारदर्शिता के साथ सच सामने आएगा।
