रिसाली में पानी संकट पर आम आदमी पार्टी का घेराव: महिलाओं ने कहा—“घर तक पानी नहीं, पर टैक्स जरूर पहुंच गया”

रिसाली (दुर्ग)। Risali Jal Sankat “जल ही जीवन है” — इसी मंत्र को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने 9 अक्टूबर को रिसाली नगर निगम का घेराव किया। शहर में लगातार बढ़ते पानी संकट से परेशान सैकड़ों महिलाओं ने नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान महापौर शशि सिंहा और आयुक्त मोनिका वर्मा ने आप नेताओं से चर्चा की।

प्रदेश सचिव देविंदर सिंह भाटिया ने कहा कि “छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार का ‘जल में भी छल’ जारी है। चार साल बीत गए, लेकिन रिसाली के वार्डों में अब तक शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं हो सकी है।” उन्होंने कहा कि नगर निगम का कार्यकाल लगभग पूरा हो गया है, फिर भी नल सूखे हैं और जनता प्यासे।

आप ने मांग की—

  • तुरंत पानी टैंकर और बोरिंग की व्यवस्था की जाए।
  • वसूले गए जल कर को वापस किया जाए या संपत्ति कर में समायोजित किया जाए।
  • जब तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंचता, जल कर वसूली बंद की जाए।

महिलाओं का दर्द:
गीतेश्वरी बघेल ने कहा कि “घर में पानी न होना सबसे बड़ी परेशानी है। महिलाएं सुबह 200 मीटर दूर टैंकर से पानी लाने को मजबूर हैं।” उन्होंने बताया कि “टैंकर का पानी गंदा और बीमारियां फैलाने वाला है — जिससे पीलिया, डायरिया जैसी बीमारियां फैल रही हैं।”

आप जिला अध्यक्ष रवि साहू ने कहा — “अगर महापौर जनता की समस्या नहीं सुलझा पा रही हैं, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।”

निगम प्रशासन का जवाब:
आयुक्त मोनिका वर्मा ने भरोसा दिलाया कि पानी की समस्या का समाधान जल्द होगा। महापौर शशि सिंहा ने कहा कि वार्ड 15 में दो नए टैंकर लगाए जाएंगे और बोरवेल सुविधा शुरू की जाएगी।

आप नेताओं की चेतावनी:
देविंदर सिंह भाटिया और गीतेश्वरी बघेल ने कहा कि “यदि समस्या का समाधान तय समय में नहीं हुआ, तो महिलाओं के नेतृत्व में उग्र आंदोलन किया जाएगा।”

प्रदर्शन में ज्ञान प्रकाश तिवारी, रवि साहू, दिवाकर सिंह गायकवाड, शिवा रायडू और दर्जनों महिलाएं शामिल रहीं। फिलहाल, रिसाली की जनता एक-एक बूंद पानी के लिए संघर्षरत है और सरकार के आश्वासन पर निगाहें टिकी हैं।

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