जांजगीर-चांपा, 9 अक्टूबर 2025 Hasdeo river accident Janjgir Champa।
हसदेव नदी में डूबने की दर्दनाक घटना के पांच दिन बाद आखिरकार स्वर्ण रेखा ठाकुर (29 वर्ष) का शव बरामद कर लिया गया। SDRF और DDRF की संयुक्त टीम ने देवरहा गांव के नदी किनारे झाड़ियों से 90 घंटे बाद शव को खोज निकाला।
यह घटना पंतोरा चौकी थाना क्षेत्र के ग्राम देवरी पिकनिक स्पॉट की है, जहां पांच दोस्त घूमने पहुंचे थे।
💔 कैसे हुआ हादसा
शनिवार, 4 अक्टूबर की सुबह बिलासपुर और जांजगीर-चांपा के पांच युवा —
आशीष भोई, अंकुर कुशवाहा, लक्ष्मी शंकर, मोनिका सिंह और स्वर्ण रेखा ठाकुर — कोचिंग खत्म होने के बाद देवरी पिकनिक स्पॉट घूमने गए थे।
सभी दोस्त हसदेव नदी में नहाने के लिए उतरे, लेकिन तेज बहाव में तीन लोग बह गए।
किसी तरह लक्ष्मी शंकर और मोनिका सिंह बाहर निकलने में सफल रहे, जबकि आशीष भोई, अंकुर कुशवाहा और स्वर्ण रेखा ठाकुर डूब गए।
🚨 रेस्क्यू अभियान की कहानी
घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची, पर अंधेरा होने की वजह से शनिवार रात को रेस्क्यू नहीं हो सका।
रविवार सुबह से DDRF और SDRF की टीमें खोजबीन में जुट गईं, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
सोमवार को अंकुर कुशवाहा का शव मिला, वहीं मंगलवार सुबह आशीष भोई का शव महुदा गांव के किनारे मिला।
दोनों शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।
बुधवार की दोपहर 3 से 4 बजे के बीच देवरहा गांव के किनारे झाड़ियों में स्वर्ण रेखा ठाकुर का शव मिला।
शव पूरी तरह से खराब हो चुका था, जिसे SDRF टीम ने बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला।
शव को जिला अस्पताल जांजगीर में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और देर रात परिजनों को सौंप दिया गया।
😢 अधूरी रह गई एक बेटी की ख्वाहिश
स्वर्ण रेखा ठाकुर दो बहनों में सबसे छोटी थीं।
उनका सपना था कि वे PSC परीक्षा पास कर अधिकारी बनें और परिवार का नाम रोशन करें।
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था — एक हंसती-खिलखिलाती ज़िंदगी हसदेव नदी की लहरों में खो गई।
🗣️ स्थानीय प्रशासन का बयान
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि SDRF की टीम ने लगातार चार दिनों तक सर्च ऑपरेशन चलाया।
अब पूरी घटना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
जिला प्रशासन ने पिकनिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने और चेतावनी बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं।
🕯️ जनता में शोक की लहर
इस दर्दनाक हादसे ने पूरे जिले को झकझोर दिया है।
देवरी और आसपास के गांवों में लोगों ने स्वर्ण रेखा को श्रद्धांजलि दी और प्रशासन से नदी किनारे सुरक्षा इंतजाम कड़े करने की मांग की।
