बच्चों की खांसी के इलाज पर स्वास्थ्य विभाग ने जारी की नई गाइडलाइन, cough syrup के अंधाधुंध उपयोग पर सख्ती

नई दिल्ली, 09 अक्टूबर 2025 cough syrup guidelines for children India Health Department।
बच्चों में खांसी के इलाज और cough syrup के सही उपयोग को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने नई तकनीकी गाइडलाइन (Technical Guidelines) जारी की है।
यह गाइडलाइन हाल के उन मामलों के बाद आई है, जिनमें cough syrup के सेवन से छोटे बच्चों की मौतें हुई थीं। केंद्र सरकार ने पहले ही निर्देश दिया था कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार की खांसी की दवा नहीं दी जानी चाहिए।


📋 क्या हैं नई गाइडलाइन की मुख्य बातें

स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों, फार्मासिस्टों और आम जनता के लिए जारी इन गाइडलाइनों का उद्देश्य बच्चों में खांसी और जुकाम के इलाज के मानक तय करना है।
गाइडलाइन तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट पर आधारित है, जिसने बच्चों में खांसी-जुकाम के इलाज की मौजूदा पद्धति का अध्ययन किया था।


🚫 स्व-चिकित्सा (Self Medication) पर सख्त रोक

नई गाइडलाइन में स्पष्ट कहा गया है कि माता-पिता या देखभाल करने वाले स्वयं से बच्चों को दवा न दें।
दवा केवल पंजीकृत डॉक्टर द्वारा बच्चे की उम्र और वजन के अनुसार ही दी जानी चाहिए।
दवाओं की खुराक मनमाने ढंग से नहीं बढ़ाई जानी चाहिए, क्योंकि गलत खुराक से गंभीर दुष्प्रभाव या जटिलताएं हो सकती हैं।


🧴 सिरप के निर्माण मानकों पर जोर

स्वास्थ्य विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी cough syrups केवल उन्हीं निर्माताओं से खरीदे जाएं जिनके पास गुणवत्ता प्रमाणपत्र हो।
साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि दवा में Diethylene Glycol (DEG) या Ethylene Glycol (EG) जैसे हानिकारक रसायन न हों, जो पहले कई मामलों में बच्चों की मौत का कारण बने थे।


👶 उम्र के अनुसार cough syrup उपयोग की सिफारिशें

  • 2 वर्ष से कम उम्र: किसी भी हालत में cough syrup नहीं देना चाहिए।
  • 2 से 5 वर्ष की उम्र: अत्यंत आवश्यक स्थिति में ही डॉक्टर की जांच और निगरानी में दिया जा सकता है।
  • 5 वर्ष से अधिक उम्र: सीमित मात्रा में, केवल डॉक्टर की सलाह के अनुसार और कम अवधि के लिए।

💊 फार्मासिस्ट के लिए निर्देश

फार्मासिस्ट को ड्रग्स कंट्रोलर के निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
वे यह सुनिश्चित करें कि दी जाने वाली दवा एक्सपायरी डेट पार न कर चुकी हो, और केवल प्रमाणित निर्माताओं से ही खरीदी गई हो।


🧠 माता-पिता के लिए चेतावनी

स्वास्थ्य विभाग ने अभिभावकों को चेताया है कि वे:

  • पुरानी पर्ची या बची हुई दवाओं का दोबारा उपयोग न करें।
  • एक बच्चे के लिए दी गई दवा किसी दूसरे बच्चे को न दें।
  • यदि बच्चे को खांसी के साथ सांस लेने में तकलीफ, छाती में दर्द, अत्यधिक थकान, या दौरे आएं, तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ (Paediatrician) से संपर्क करें।

🩺 विशेषज्ञों की राय

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि इन गाइडलाइनों से देश में बाल चिकित्सा के मानकों में सुधार होगा।
“अक्सर माता-पिता जल्दी राहत के लिए बिना डॉक्टर की सलाह के सिरप दे देते हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है,” — एक वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ ने कहा।


🌍 सुरक्षित भविष्य की दिशा में कदम

स्वास्थ्य विभाग का यह कदम बच्चों के लिए सुरक्षित औषधि उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा निर्णय माना जा रहा है।
सरकार का कहना है कि इन गाइडलाइनों के पालन से बचपन में दवा से जुड़ी मौतों और दुष्प्रभावों को काफी हद तक रोका जा सकेगा।

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