रायपुर, 09 अक्टूबर 2025 Bastar Maharashtra National Highway 130D Construction।
छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर अंचल को महाराष्ट्र से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 130-डी के निर्माण को नई गति दे दी है। राज्य शासन ने कुतुल से नीलांगुर (महाराष्ट्र सीमा) तक 21.5 किलोमीटर लंबे हिस्से के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है।
लोक निर्माण विभाग मंत्रालय ने प्रमुख अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र रायपुर को न्यूनतम दर वाले ठेकेदार से अनुबंध की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इस सड़क निर्माण पर लगभग 152 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिसे शासन ने मंजूरी प्रदान कर दी है।
🛣️ अबूझमाड़ क्षेत्र को मिलेगा विकास का नया रास्ता
कुतुल, नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में स्थित है और महाराष्ट्र सीमा तक 21.5 किमी की यह सड़क टू-लेन पेव्ड शोल्डर सहित तैयार की जाएगी। यह परियोजना न केवल एक सड़क निर्माण कार्य है, बल्कि बस्तर अंचल की प्रगति और शांति का प्रतीक भी है।
नेशनल हाईवे 130-डी की कुल लंबाई लगभग 195 किलोमीटर है। यह एनएच-30 का स्पर रूट है जो कोण्डागांव से नारायणपुर, कुतुल होते हुए नीलांगुर (महाराष्ट्र सीमा) तक जाता है। आगे यह मार्ग आलापल्ली (महाराष्ट्र) में जाकर एनएच-353डी से जुड़ता है।
🌍 राष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ेंगे बस्तर के रास्ते
एनएच-130डी के बन जाने से बस्तर क्षेत्र सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से जुड़ जाएगा, जिससे व्यापार, पर्यटन और सुरक्षा को नई मजबूती मिलेगी।
वर्तमान में कोण्डागांव से नारायणपुर तक 50 किमी का हिस्सा निर्माणाधीन है। अब कुतुल से नीलांगुर (21.5 किमी) तक की प्रक्रिया शुरू होने से यह मार्ग लगभग पूरा होने की दिशा में है।
💬 सरकार और प्रशासन की प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सहयोग से इस परियोजना के अबूझमाड़ क्षेत्र में स्थित हिस्से को फॉरेस्ट क्लियरेंस और निर्माण अनुमति प्राप्त हो चुकी है।
राज्य शासन का कहना है कि यह हाईवे केवल एक सड़क नहीं, बल्कि विकास, विश्वास और बदलाव का मार्ग है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि —
“नेशनल हाईवे 130-डी बस्तर के लोगों के जीवन में विकास और सुरक्षा दोनों लाएगा। यह सड़क नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नई रोशनी फैलाने का काम करेगी और महाराष्ट्र से बस्तर के सीधे संपर्क को मजबूत बनाएगी।”
🚜 विकास, सुरक्षा और रोजगार का सेतु बनेगा हाईवे
इस परियोजना के पूरा होने के बाद न केवल यातायात में सुविधा होगी, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। नक्सल प्रभावित इलाकों में इस सड़क का निर्माण विकास की गति बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा।
