गुवाहाटी, 09 अक्टूबर 2025 Zubeen Garg death case।
असम के लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग की मौत के मामले में जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। बुधवार को असम पुलिस के डीएसपी संदीपन गर्ग, जो जुबीन के चचेरे भाई भी हैं, को सीआईडी (CID) ने गिरफ्तार कर लिया है। अब इस मामले में कुल पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, डीएसपी संदीपन गर्ग को कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। गिरफ्तारी के बाद शाम को उन्हें तुरंत निलंबित (Suspended) कर दिया गया।
CID के विशेष डीजीपी मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने बताया,
“हमने संदीपन गर्ग को गिरफ्तार कर लिया है और कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।”
मामले में हत्या, गैर इरादतन हत्या, आपराधिक साजिश और लापरवाही से मौत के आरोपों के तहत भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
⚖️ जांच की दिशा में बड़ा कदम
संदीपन गर्ग उस समय सिंगापुर में मौजूद थे जब 19 सितंबर को जुबीन गर्ग की समुद्र में तैरते समय मौत हुई थी। बताया जा रहा है कि वे उसी यॉट पर थे जहां यह हादसा हुआ।
गिरफ्तारी के बाद जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया —
“संदीपन गर्ग को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। यदि उन्हें न्यायिक हिरासत से रिहा किया जाता है, तो उनकी तैनाती असम पुलिस मुख्यालय, गुवाहाटी में रहेगी, जब तक आगे आदेश न हो।”
💰 वित्तीय लेनदेन पर शक
पुलिस ने जुबीन गर्ग के दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर्स (PSOs) को भी निलंबित कर दिया है। जांच में उनके खातों से 1.1 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध वित्तीय लेनदेन सामने आए हैं।
इसके साथ ही, असम एसोसिएशन सिंगापुर से जुड़े 10 लोगों को नए समन (Summons) जारी किए जा रहे हैं, क्योंकि वे 6 अक्टूबर की समय-सीमा के भीतर जांच में शामिल नहीं हुए।
🗣️ मुख्यमंत्री का बयान
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि
“जुबीन गर्ग की मौत के मामले में चार्जशीट तीन महीने के भीतर दाखिल की जाएगी। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि जुबीन को न्याय मिले।”
सरमा ने स्पष्ट किया कि जांच पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से की जा रही है।
🕯️ पृष्ठभूमि
19 सितंबर को सिंगापुर के एक द्वीप के पास तैराकी के दौरान जुबीन गर्ग की मौत हो गई थी। शुरुआती रिपोर्ट में इसे डूबने का मामला बताया गया था, लेकिन बाद में पुलिस जांच में कई वित्तीय और व्यक्तिगत संदेह सामने आए, जिसके बाद CID जांच शुरू की गई।
