बेंगलुरु, 08 अक्टूबर 2025 FIR filed in Bengaluru over Supreme Court shoe incident।
सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में अब बेंगलुरु पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। यह शिकायत ऑल इंडिया एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भक्तवचला (Bhaktavachala) ने दर्ज कराई है।
एफआईआर के अनुसार, घटना 6 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की कोर्ट हॉल संख्या 1 में हुई, जब मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई (CJI B.R. Gavai) और जस्टिस के. विनोद चंद्रन (Justice K. Vinodh Chandran) पीठ पर मौजूद थे। आरोपी अधिवक्ता राकेश किशोर ने सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों की ओर जूता फेंका।
पुलिस के मुताबिक, यह मामला विधान सौधा थाने में क्राइम नंबर ZERO-0001/2025 के तहत दर्ज किया गया है। इसे ज़ीरो एफआईआर (Zero FIR) के रूप में दर्ज किया गया क्योंकि घटना दिल्ली में हुई थी। एक अधिकारी ने बताया, “मामला अब दिल्ली के तिलक मार्ग थाने को ट्रांसफर कर दिया गया है, जो सुप्रीम कोर्ट क्षेत्राधिकार में आता है।”
एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS), 2023 की धारा 132 और 133 लगाई गई हैं — जो लोकसेवक पर बल प्रयोग या अपमानजनक आचरण से संबंधित हैं।
शिकायत में लिखा गया:
“यह घटना देश की सर्वोच्च न्यायपालिका में हुई है। यह केवल एक व्यक्ति का अपराध नहीं, बल्कि पूरे न्यायिक तंत्र की गरिमा के खिलाफ गंभीर अपराध है। आरोपी राकेश किशोर का कृत्य न तो माफ किया जा सकता है और न ही समाज द्वारा स्वीकार्य है।”
एसोसिएशन की मांग:
ऑल इंडिया एडवोकेट्स एसोसिएशन ने इस घटना को “राष्ट्रीय मुद्दा” बताते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की।
“यह न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला गंभीर अपराध है। पुलिस को तुरंत आरोपी को गिरफ्तार कर उदाहरण पेश करना चाहिए,” शिकायत में कहा गया।
इस पूरे प्रकरण ने देशभर के वकीलों और न्यायिक समुदाय में गहरा रोष पैदा कर दिया है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं सुप्रीम कोर्ट की प्रतिष्ठा और न्याय प्रणाली की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं।
