कवर्धा हादसा: कोलकाता के एक ही परिवार के 4 सदस्य और ड्राइवर की दर्दनाक मौत, अस्पताल में 24 घंटे तक स्ट्रेचर पर सड़ीं लाशें

कवर्धा, 8 अक्टूबर 2025 कवर्धा सड़क हादसे में पांच की मौत:
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के कवर्धा में रविवार शाम हुए भयानक सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। इस हादसे में कोलकाता निवासी एक ही परिवार के चार लोगों और कार चालक की मौत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि बचाव दल को शवों को निकालने में घंटों लग गए।

मृतक परिवार कान्हा नेशनल पार्क (मध्यप्रदेश) की यात्रा पूरी कर बिलासपुर लौट रहे थे, जहां से उन्हें कोलकाता की ट्रेन पकड़नी थी। रास्ते में उनकी बोलेरो कार की टक्कर तेज रफ्तार ट्रक से हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बोलेरो के परखच्चे उड़ गए और सभी सवार अंदर फंस गए।


💥 हादसे की भयावह तस्वीरें

हादसा शाम करीब 5 बजे हुआ जब बोलेरो और ट्रक आमने-सामने से टकरा गए। स्थानीय लोगों के मुताबिक, टक्कर के बाद सड़क पर घायलों की चीखें गूंज उठीं। मौके पर पहुंची पुलिस ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया, लेकिन दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी तीन ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।


🏥 अस्पताल में और बड़ी त्रासदी

मृतकों को बोडला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) ले जाया गया, जहां हादसे के बाद की स्थिति और भी दर्दनाक साबित हुई।
अस्पताल में शवों को रखने के लिए सिर्फ एक ही फ्रीजर था, जिसे ड्राइवर के शव के लिए इस्तेमाल किया गया। बाकी चार शव स्ट्रेचर पर खुले में रख दिए गए, जिन्हें बर्फ के ब्लॉक पर “संरक्षित” किया गया।

24 घंटे तक शव वहीं पड़े रहे और जैसे-जैसे तापमान बढ़ा, सड़ांध और दुर्गंध फैल गई। सोमवार को कोलकाता से पहुंचे परिजन जब अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें अपने अपनों के शवों को सड़ते हुए देखने की असहनीय स्थिति का सामना करना पड़ा।


😢 परिवार ने दो शवों का कवर्धा में किया अंतिम संस्कार

बदबू और संक्रमण की वजह से दो शवों को कोलकाता ले जाना संभव नहीं था, इसलिए परिवार ने कवर्धा में ही अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया।
बाकी तीन शवों को सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद कोलकाता भेजा गया।


🗣️ अधिकारियों का बयान

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. देवेंद्र पुर्रे ने सफाई देते हुए कहा,

“एक शव को फ्रीजर में रखा गया था, बाकी को बर्फ के ब्लॉक पर संरक्षित किया गया। सोमवार को तीन शवों का पोस्टमार्टम हुआ और परिजन उन्हें ले गए। शेष दो शवों का अंतिम संस्कार कवर्धा में परिजनों की सहमति से किया गया।”

जिला प्रशासन के अनुसार, कवर्धा जिले में केवल चार बॉडी फ्रीजर हैं — दो जिला अस्पताल में, एक बोडला सीएचसी में और एक पंडरिया केंद्र में। जब सभी फ्रीजर भर जाते हैं, तो शवों को बर्फ के सहारे रखा जाता है।


⚠️ ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल

इस घटना ने छत्तीसगढ़ की ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली की बदहाली को उजागर कर दिया है। एक तरफ पांच लोगों की मौत ने परिवार को तोड़ दिया, वहीं अस्पताल में शवों के साथ हुई लापरवाही ने शासन-प्रशासन की संवेदनहीनता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करे, ताकि भविष्य में ऐसी अमानवीय स्थितियां दोबारा न हों।

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