रायपुर, 7 अक्टूबर 2025। Bastar Rising campaign Chhattisgarh:
छत्तीसगढ़ शासन के जनसंपर्क विभाग और बस्तर संभाग के सातों जिलों के जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से 8 अक्टूबर से “बस्तर राइजिंग” नामक विशेष अभियान की शुरुआत होने जा रही है। यह दो सप्ताह तक चलने वाला अभियान बस्तर की संस्कृति, पर्यावरणीय विविधता और उद्यमशीलता को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करेगा।
🎭 बस्तर की कला, संस्कृति और नवाचार को मिलेगा मंच
इस अभियान के दौरान विशेषज्ञों, युवाओं, शिल्पकारों और स्थानीय समुदायों के बीच संवाद, कार्यशालाएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
अभियान का उद्देश्य बस्तर की पारंपरिक पहचान को आधुनिक संभावनाओं से जोड़ना और स्थानीय युवाओं को नई दिशा देना है।
बस्तर संभाग लंबे समय से अपनी कला, शिल्प, कृषि, पर्यटन और प्राकृतिक संसाधनों के लिए प्रसिद्ध रहा है। “बस्तर राइजिंग” के माध्यम से इन क्षेत्रों की छिपी संभावनाओं को देशभर के सामने लाने की कोशिश की जा रही है।
🚩 बस्तर राइजिंग का कारवां पहुंचेगा सात जिलों में
अभियान का कारवां केशकाल, नारायणपुर, कोण्डागांव, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, चित्रकोट, बारसूर और जगदलपुर जैसे स्थानों का भ्रमण करेगा।
इन कार्यक्रमों के दौरान बस्तर की हस्तशिल्प कला, स्थानीय खेल प्रतिभाएं, शिक्षा की नई पहलें और पर्यटन स्थलों की संभावनाएँ प्रमुख रूप से प्रदर्शित की जाएंगी।
🎉 अभियान का समापन “हार्मोनी फेस्ट 2025” में रायपुर में होगा
दो सप्ताह तक चले इस अभियान का समापन रायपुर में “हार्मोनी फेस्ट 2025” के रूप में होगा।
यह आयोजन “दिल मेला – दिल में ला” थीम पर आधारित रहेगा, जिसमें बस्तर की प्रेरक कहानियाँ, नवाचार और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा।
इस फेस्ट में राज्यभर से कलाकार, उद्यमी और युवा भाग लेंगे। यह कार्यक्रम न केवल बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करेगा, बल्कि बस्तर को ‘राइजिंग ब्रांड’ के रूप में पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
💬 बस्तर की नई पहचान की ओर
“बस्तर राइजिंग” केवल एक सांस्कृतिक यात्रा नहीं, बल्कि यह उस सोच का प्रतीक है जो कहती है — “जहां संस्कृति जीवित है, वहीं विकास की नींव मजबूत होती है।”
इस अभियान से उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में बस्तर की कला, संस्कृति और उद्यमशीलता देशभर में एक नई पहचान बनाएगी।
