भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल 13 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में, 8 अक्टूबर को होगी जमानत पर सुनवाई

रायपुर, 6 अक्टूबर 2025 | Chhattisgarh liquor scam Chaitanya Baghel judicial custody:
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को सोमवार को विशेष अदालत में पेश किया गया। ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) की 13 दिन की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद अदालत ने उन्हें 13 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब चैतन्य को रायपुर सेंट्रल जेल में रखा जाएगा।


⚖️ कोर्ट में पेशी और जमानत पर सुनवाई

चैतन्य बघेल के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि ईओडब्ल्यू ने एक दिन की पूछताछ के लिए रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने पूरी अवधि स्वीकृत की।
उन्होंने कहा,

“हमने कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर दी है, जिस पर 8 अक्टूबर को सुनवाई होगी।”

रिजवी ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया, जबकि ईओडब्ल्यू का दावा है कि पूछताछ से मनी ट्रेल और अन्य आरोपियों से कड़ी जानकारी मिली है।


👥 भूपेश बघेल पहुंचे कोर्ट

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद अदालत पहुंचे और बेटे चैतन्य से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि,

“यह सब केंद्र सरकार की साजिश है, लेकिन मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है।”

ईडी की जांच में आरोप है कि चैतन्य बघेल ने 16.70 करोड़ रुपये के अवैध धन को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश किया। यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच के आबकारी विभाग की अनियमितताओं से जुड़ा है, जिससे राज्य को 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।


📅 बर्थडे पर हुई गिरफ्तारी

चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन 18 जुलाई को भिलाई स्थित आवास से ईडी ने गिरफ्तार किया था। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और लगभग 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई लाभार्थियों तक पहुंचाई गई।


🧾 अन्य आरोपी भी पेश

ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी दीपेन चावड़ा को भी पेश किया। इस मामले में अब तक 45 से अधिक आरोपियों के नाम सामने आ चुके हैं।


⚖️ अगली सुनवाई पर निगाहें

अब 8 अक्टूबर की सुनवाई अहम मानी जा रही है, क्योंकि इसी दिन अदालत में चैतन्य बघेल की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया जा सकता है।


📌 निष्कर्ष:
Chhattisgarh liquor scam Chaitanya Baghel judicial custody केस में हर सुनवाई नए राजनीतिक और कानूनी मोड़ ला रही है। ईडी और ईओडब्ल्यू दोनों ही एजेंसियां लगातार जांच में जुटी हैं, वहीं भूपेश बघेल का परिवार इसे राजनीतिक प्रताड़ना बता रहा है।