Supreme Court notice to Centre in Sonam Wangchuk case नई दिल्ली, 6 अक्टूबर 2025 — लद्दाख के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। यह याचिका वांगचुक की पत्नी गीता अंजलि अंगमो द्वारा दायर की गई है, जिन्होंने उनके नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA), 1980 के तहत हुई गिरफ्तारी को ग़ैरकानूनी बताया है।
यह रिट याचिका अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई है, जिसमें हेबियस कॉर्पस (Habeas Corpus) की मांग की गई है — यानी बंदी को अदालत के सामने पेश कर उसकी रिहाई की मांग।
🧑⚖️ सुनवाई में क्या हुआ
जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने कहा कि मामला अब अगले मंगलवार (14 अक्टूबर) को सुना जाएगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अंगमो की ओर से पेश होते हुए कहा कि गिरफ्तारी के आधारों की जानकारी (grounds of detention) न तो सोनम वांगचुक को दी गई है और न ही उनकी पत्नी को।
सिब्बल ने अदालत से आग्रह किया कि इन आधारों की प्रति पत्नी को सौंपी जाए ताकि गिरफ्तारी को कानूनी रूप से चुनौती दी जा सके।
⚖️ केंद्र का जवाब
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब देते हुए कहा कि गिरफ्तारी के आधार पहले ही सोनम वांगचुक को सौंप दिए गए हैं, और कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि उनकी पत्नी को भी यह जानकारी दी जाए।
उन्होंने कहा,
“पत्नी को आधार बताने की कोई कानूनी आवश्यकता नहीं है। यह सिर्फ मीडिया में भावनात्मक माहौल बनाने की कोशिश है।”
जब सिब्बल ने पूछा कि आधार देने में क्या बाधा है, तो जस्टिस कुमार ने कहा —
“हम इस स्तर पर कुछ नहीं कहेंगे। लेकिन यह बताइए कि बाधा क्या है?”
🏥 चिकित्सीय सहायता और मुलाकात का मुद्दा
सिब्बल ने यह भी मांग की कि वांगचुक को स्वास्थ्य सहायता दी जाए।
इस पर SG तुषार मेहता ने कहा कि वांगचुक की मेडिकल जांच के दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें किसी दवाई की आवश्यकता नहीं है, लेकिन अगर जरूरत होगी तो सरकार चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करेगी।
सिब्बल ने यह भी अनुरोध किया कि गीता अंजलि अंगमो को अपने पति से मुलाकात की अनुमति दी जाए।
इस पर जस्टिस कुमार ने कहा कि पहले औपचारिक आवेदन करें, और यदि वह अस्वीकार किया जाता है, तब अदालत में यह मुद्दा उठाया जा सकता है।
📍 कानूनी प्रक्रिया पर सवाल
सुनवाई के दौरान जस्टिस कुमार ने पूछा कि अगर यह आदेश केंद्र सरकार ने जारी किया है, तो याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट का दरवाज़ा क्यों नहीं खटखटाया।
इस पर सिब्बल ने जवाब दिया कि आदेश केंद्र द्वारा जारी किया गया है, इसलिए स्पष्ट नहीं कि कौन सा हाई कोर्ट इस पर अधिकार क्षेत्र रखता है।
जस्टिस कुमार ने कहा,
“आप अगली सुनवाई में इसका उत्तर दीजिए।”
🌄 पृष्ठभूमि
सोनम वांगचुक, जो लद्दाख में शिक्षा और जलवायु सुधार अभियानों के लिए जाने जाते हैं, को हाल ही में क्षेत्र में हुई हिंसक झड़पों के बाद NSA के तहत हिरासत में लिया गया था।
वह वर्तमान में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
गीता अंजलि अंगमो का कहना है कि गिरफ्तारी के आधार उन्हें नहीं बताए गए, जिससे यह गिरफ्तारी संविधान के अनुच्छेद 22 का उल्लंघन है।
🕊️ अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर 2025 को करेगी, जिसमें केंद्र सरकार को अपना जवाब प्रस्तुत करना होगा।
