Bageshwar Dham Dhirendra Shastri statement: हाल ही में देशभर में होली, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और राम जुलूस के दौरान हुई पत्थरबाजी की घटनाओं पर बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ये घटनाएँ विदेशी ताकतों द्वारा फैलाए जा रहे सुनियोजित प्रोपेगैंडा का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य भारत में हिंदुओं को डराना है।
🔥 “हिंदुओं को डराने की सबसे बड़ी प्रायोजित साजिश”
आचार्य शास्त्री ने कहा —
“हिंदुओं को डराने के लिए यह सबसे बड़ी प्रायोजित साजिश है। होली, दुर्गा प्रतिमा और राम जुलूस पर पत्थरबाजी का ट्रेंड बन गया है। इसलिए हम हिंदुओं का डर मिटाने और उन्हें जगाने के लिए देशभर में पदयात्रा कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हिंदू ‘माला’ के साथ ‘भाला’ भी रखें, ताकि अपने धर्म और आस्था की रक्षा स्वयं कर सकें।
🙏 “मुझे ‘आई लव मुहम्मद’ में कुछ गलत नहीं लगता”
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा —
“अगर कोई कहे ‘आई लव मुहम्मद’ तो मुझे कुछ गलत नहीं लगता, लेकिन अगर कोई ‘सर तन से जुदा’ का नारा लगाएगा, तो न कानून उसे छोड़ेगा और न हिंदू। जिस तरह मैं ‘मुझे महादेव से प्रेम है’ कहता हूं, वैसा ही अधिकार सबको है, लेकिन हिंसा का जवाब कानून देगा।”
🌾 छत्तीसगढ़ पर बोले — “राम की भूमि में बदल रहे हालात”
बागेश्वर धाम सरकार ने कहा कि छत्तीसगढ़ हिंदुत्व और मातृभूमि के प्रति समर्पण की भूमि है। यहां के लोग धर्मांतरण के खिलाफ अब खुलकर आवाज उठा रहे हैं।
“आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ पहला राज्य बनेगा जहां गांव-गांव में धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन होगा। नक्सलवाद जो छत्तीसगढ़ की छवि पर धब्बा था, वह भी अब मिटने वाला है,” उन्होंने कहा।
⚖️ धर्मांतरण पर सख्त बयान — “हो मृत्युदंड का प्रावधान”
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सरकार को छल-कपट, षड्यंत्र या लालच से धर्मांतरण कराने वालों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान करना चाहिए।
“अगर कोई अपनी मर्जी से धर्म बदलता है तो यह उसका अधिकार है, लेकिन किसी को बहला-फुसलाकर या जबरन धर्मांतरण कराना घोर पाप है। संविधान इसकी इजाजत नहीं देता,” उन्होंने कहा।
💬 हिंदुत्व की विचारधारा के प्रसार पर जोर
बागेश्वर धाम सरकार ने कहा कि आज हिंदुत्व की विचारधारा तेजी से फैल रही है और इससे देश में धर्मांतरण जैसी प्रवृत्तियों पर अंकुश लग रहा है।
उन्होंने नक्सलियों से लड़ रहे जवानों की भी सराहना करते हुए कहा कि –
“वे बिना किसी डर के अपनी जान जोखिम में डालकर राष्ट्र की रक्षा कर रहे हैं। यही सच्चा राष्ट्रधर्म है।”
