Kanhaiya Kumar Adani land deal in Bihar: पटना, 5 अक्टूबर 2025 — कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती में बन रहे पावर प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि “वोट चोर सरकार अब जमीन चोर भी बन गई है।”
कन्हैया के मुताबिक, इस परियोजना के लिए 1,000 एकड़ से अधिक जमीन आदाणी समूह को सिर्फ ₹1 प्रति एकड़ की दर पर दी गई। उन्होंने सवाल उठाया कि जब बिहार में किसान अपने कागज लेकर ब्लॉक ऑफिस के चक्कर लगा रहे थे, तब सरकार का असली मकसद उनकी जमीन छीनना था।
⚡ आदाणी को सस्ती जमीन देने पर सवाल
कन्हैया कुमार ने कहा कि यह पावर प्रोजेक्ट पहले यूपीए सरकार के समय शुरू किया गया था। लेकिन बाद में इसे भाजपा सरकार ने संदिग्ध शर्तों पर आदाणी समूह को सौंप दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि देश के अन्य राज्यों में जहां आदाणी ग्रुप ₹3 से ₹3.5 प्रति यूनिट के रेट पर बिजली बेचता है, वहीं बिहार में ₹6 प्रति यूनिट के रेट पर करार किया गया है। कन्हैया ने कहा, “यह जनता के पैसे की खुली लूट है।”
🗣️ कांग्रेस नेताओं का समर्थन
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान और राजेश राठौर भी मौजूद थे।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी कहा, “जब भी भाजपा को चुनाव में हार का डर होता है, तब वे अपने उद्योगपति मित्रों को इस तरह की सौगातें देते हैं।”
🌾 किसानों के साथ धोखा होने का आरोप
कन्हैया कुमार ने आगे कहा कि नीतीश कुमार सरकार ने किसानों से पुरानी दरों पर जमीन ली और फिर उसे नई दर पर बेच दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरी प्रक्रिया भूमि समझौते के उल्लंघन की श्रेणी में आती है।
विपक्षी दल CPI(ML) की एक टीम ने भी हाल ही में पीरपैंती इलाके का दौरा किया था। टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि किसानों को न्यायसंगत मुआवजा नहीं मिला और सरकार ने समझौते की कई शर्तें तोड़ी हैं।
🔌 पावर प्रोजेक्ट का विवरण
पीरपैंती थर्मल पावर प्रोजेक्ट की क्षमता 2,400 मेगावाट होगी। यह परियोजना अगले पांच वर्षों में शुरू होने की उम्मीद है।
निर्माण के दौरान लगभग 10,000 से 12,000 लोगों को अस्थायी रोजगार और 3,000 लोगों को स्थायी रोजगार मिलने का अनुमान है।
परियोजना को बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (BSPGCL) ने आदाणी पावर को सौंपा है। अगस्त 2025 में कंपनी को Letter of Award (LoA) जारी किया गया था।
💬 कन्हैया का निष्कर्ष
कन्हैया कुमार ने कहा कि इस पावर प्रोजेक्ट से एक लाख करोड़ रुपये का मुनाफा होगा। “यह मुनाफा बिहार की जनता के पास नहीं जाएगा, बल्कि मोदी जी और उनके उद्योगपति मित्रों के पास जाएगा,” उन्होंने कहा।
उन्होंने मांग की कि सरकार को इस सौदे की स्वतंत्र जांच करवानी चाहिए और किसानों की भूमि वापसी या उचित मुआवजा सुनिश्चित करना चाहिए।
