जगदलपुर (बस्तर), 04 अक्टूबर।
बस्तर की धरती पर आयोजित ऐतिहासिक दशहरा लोकोत्सव और स्वदेशी मेला में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि नक्सलियों के साथ किसी तरह की बातचीत नहीं होगी। नक्सलियों को 31 मार्च 2026 तक आत्मसमर्पण करना होगा, वरना उनके खिलाफ सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई और तेज होगी।
अमित शाह ने बस्तरवासियों को भरोसा दिलाया कि जिस दिन नक्सलवाद खत्म होगा, उसी दिन से यहां विकास की रफ्तार भी तेज होगी। उन्होंने कहा, “कुछ लोग कहते हैं कि पिछड़ापन नक्सलवाद को जन्म देता है। लेकिन सच्चाई यह है कि नक्सलवाद ही पिछड़ेपन की जड़ है। बस्तर विकास से वंचित रहा है, क्योंकि यहां नक्सलवाद था।”
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले 10 सालों में छत्तीसगढ़ को चार लाख करोड़ रुपये दिए हैं और अब बस्तर के हर गांव में 2030 तक सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य बीमा और मुफ्त अनाज जैसी सुविधाएं पहुंचाई जाएंगी।
उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने में बस्तर में 500 से ज्यादा नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। शाह ने घोषणा की कि जो भी गांव नक्सल मुक्त होगा, वहां विकास कार्यों के लिए एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
कार्यक्रम के दौरान शाह ने मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की और सुरक्षा बलों के लिए शक्ति की प्रार्थना की। इसके बाद वे पारंपरिक मुरिया दरबार में भी शामिल हुए और आदिवासी प्रतिनिधियों से सीधे संवाद किया। शाह ने कहा कि बस्तर की 75 दिन तक चलने वाली अनूठी दशहरा परंपरा और यहां की लोकतांत्रिक संस्कृति उन्हें गहराई से प्रभावित करती है।
