PoK Protest में पाकिस्तान की सेना की गोलीबारी से 10 लोगों की मौत और कई घायल हो गए। भारत ने इस घटना को “भयावह” और “अमानवीय” करार दिया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान-occupied कश्मीर (PoK) में यह हिंसा पाकिस्तान के दमनकारी रवैये और वहां के संसाधनों की लूट का स्वाभाविक परिणाम है।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
नई दिल्ली में साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा—
“हमने PoK Protest की खबरों को गंभीरता से लिया है। पाकिस्तान की फोर्सेज ने निर्दोष नागरिकों पर जो क्रूरता की है, वह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। पाकिस्तान को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
6वें दिन भी जारी प्रदर्शन
डॉन और रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, PoK Protest शुक्रवार को लगातार छठे दिन भी जारी रहे। राजधानी मुज़फ्फराबाद विरोध का केंद्र बना, जहां बाजार, दुकानें और परिवहन पूरी तरह ठप हो गए। लोग 38 सूत्रीय मांगपत्र लेकर सड़क पर उतरे। इनमें राजनीतिक सुधार, गेहूं के आटे पर सब्सिडी, बिजली दरों में कटौती, मुफ्त शिक्षा-स्वास्थ्य और अफसरों की सुविधाओं को खत्म करने की मांग शामिल है।
प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी
जम्मू-कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) के नेता शौकर नवाज़ मीर ने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण धरना दे रहे लोगों पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और उनके समर्थकों ने नेelum ब्रिज पर सीधा फायर किया। उन्होंने कहा—
“हमारे पास सबूत हैं। गोलियों से एक युवा की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। इसे किसी हाल में माफ नहीं करेंगे।”
बेरोजगारी और कोटा प्रणाली से नाराज़गी
एक अन्य नेता फैसल जमील कश्मीरी ने रॉयटर्स को बताया कि 64% बेरोजगारी और 1947 से चली आ रही 25% कोटा प्रणाली भी नाराज़गी की बड़ी वजह है। उन्होंने कहा—“जब तक यह खत्म नहीं होगी और युवाओं को रोजगार नहीं मिलेगा, तब तक आंदोलन और तेज होगा।”
भारत का रुख
MEA ने दोहराया कि PoK पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है और वहां की जनता लगातार दमनकारी नीतियों का शिकार हो रही है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि पाकिस्तान को PoK Protest में की गई इस बर्बर कार्रवाई के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।
