छत्तीसगढ़ में आकाशीय बिजली से 180 मौतें, सबसे बड़ा प्राकृतिक खतरा

chhattisgarh lightning deaths 2023, रायपुर। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की हालिया रिपोर्ट Accidental Deaths and Suicides in India 2023 ने चौंकाने वाला सच सामने रखा है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में छत्तीसगढ़ में आकाशीय बिजली गिरने से 180 लोगों की मौत हुई। यह राज्य में प्राकृतिक आपदाओं से हुई कुल मौतों का 78.3 प्रतिशत है। यानी बाढ़, लू या भूस्खलन की तुलना में बिजली सबसे बड़ा जानलेवा खतरा साबित हुई।

रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2023 में छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक शक्तियों से कुल 230 लोगों की जान गई, जिनमें से ज्यादातर मौतें बिजली गिरने से हुईं। राष्ट्रीय स्तर पर भी बिजली सबसे घातक प्राकृतिक आपदा साबित हुई, जिसने 2,560 लोगों की जान ली। मध्यप्रदेश (397), बिहार (345) और ओडिशा (294) सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य रहे।

जनसंख्या के अनुपात में छत्तीसगढ़ देश में छठवें स्थान पर है, जहां बिजली गिरने से मौतें सबसे ज्यादा दर्ज हुईं। NCRB के पांच साल के ट्रेंड को देखें तो 2019 में प्राकृतिक शक्तियों से 8,145 मौतें हुई थीं, जिनमें 40% मौतें बिजली गिरने से थीं। 2023 में यह आंकड़ा घटकर 6,444 पर आ गया, लेकिन फिर भी 2,560 लोग बिजली की चपेट में आए।

मौसम विभाग (IMD) के एक अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ का भौगोलिक और जलवायु ढांचा इस संकट को और गहरा करता है। बस्तर का पठारी इलाका और उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र मानसून के दौरान तेज संवहन गतिविधियों के कारण आंधी-तूफान और बिजली गिरने की घटनाओं से ज्यादा प्रभावित रहते हैं।

ग्रामीण और आदिवासी समुदाय सबसे ज्यादा जोखिम में हैं, क्योंकि उनकी आजीविका खेती और जंगलों से जुड़ी है। खेतों में काम करते समय या घर लौटते वक्त लोग अक्सर बिजली की चपेट में आ जाते हैं। NCRB के अनुसार 30–45 वर्ष की आयु के लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। कई लोग सुरक्षा के लिए पेड़ों के नीचे शरण लेते हैं, जबकि यह उन्हें और अधिक जोखिम में डाल देता है।

पिछले वर्षों के आंकड़े भी इस खतरे को रेखांकित करते हैं। 2018 में छत्तीसगढ़ में 213, 2019 में 212 और 2020 में 246 मौतें बिजली गिरने से हुई थीं। यानी यह संकट लगातार बना हुआ है।

मानवीय कहानियाँ इन आंकड़ों को और दर्दनाक बना देती हैं—एक किसान जो धान रोपाई के बाद घर लौट रहा था, बिजली की चपेट में आ गया; एक महिला जो जंगल से लकड़ी बीनकर आ रही थी, वहीं गिरकर दम तोड़ बैठी। ये घटनाएँ बताती हैं कि ग्रामीण जीवन और आजीविका को बचाने के लिए बिजली से सुरक्षा की जागरूकता और ठोस उपाय बेहद जरूरी हैं।

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