बीजापुर, 3 अक्टूबर 2025।
छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। Chhattisgarh Maoist Surrender अभियान के तहत बीजापुर जिले में 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इन नक्सलियों ने हथियार और गोला-बारूद भी जमा किए, जिनकी कीमत 1 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक पी. सुन्दरराज ने जानकारी दी कि आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक नक्सली को प्रोत्साहन स्वरूप 50,000 रुपये का चेक दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति बहाली और विकास कार्यों को गति देगा।
Chhattisgarh Maoist Surrender से नक्सली नेटवर्क कमजोर
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस बड़े Chhattisgarh Maoist Surrender से नक्सली संगठन की जड़ें कमजोर होंगी। जिन इलाकों में पहले नक्सलियों का वर्चस्व था, अब वहां तेजी से सड़क, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
हालिया कांकेर एनकाउंटर में तीन नक्सली ढेर
आत्मसमर्पण से पहले, 28 सितंबर को छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के छिंदखड़क गांव के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में दो पुरुष और एक महिला नक्सली ढेर हो गए। इनमें से एक नक्सली पर 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
कांकेर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आई.के. एलेसेला ने बताया कि घटनास्थल से एक एसएलआर, एक .303 राइफल, एक .12 बोर बंदूक और अन्य नक्सली सामग्री बरामद की गई।
बस्तर में तेज हुई सुरक्षा बलों की कार्रवाई
Chhattisgarh Maoist Surrender और हालिया एनकाउंटर यह दिखाते हैं कि बस्तर में नक्सली गतिविधियों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। सुरक्षा बलों ने पिछले कुछ महीनों में कई बड़े माओवादी नेताओं को खत्म किया है। इससे नक्सली संगठन की पकड़ कमजोर पड़ रही है।
केंद्र सरकार और राज्य सरकार के समन्वय से चल रही इन कार्रवाइयों को “डबल इंजन सरकार की रणनीति” बताया जा रहा है। इससे बस्तर के लोग अब विकास और शांति की नई उम्मीद देख रहे हैं।
