चेन्नई, 01 अक्टूबर 2025।
तमिलनाडु के करूर में टीवीके नेता विजय की रैली के दौरान हुई भीषण भगदड़, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई थी, उस पर सोशल मीडिया पर भ्रामक बयान पोस्ट करने के आरोप में चेन्नई पुलिस की साइबर क्राइम विंग ने यूट्यूबर फेलिक्स जेराल्ड को मंगलवार सुबह उनके नुंगमबक्कम स्थित घर से गिरफ्तार किया।
पुलिस ने उन्हें XI मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया और न्यायिक हिरासत की मांग की, लेकिन अदालत ने पुलिस की दलीलों को अपर्याप्त मानते हुए जेराल्ड को सशर्त ज़मानत दे दी।
कोर्ट का फैसला
अदालत ने जेराल्ड पर कुछ शर्तें लगाई हैं, जिनमें उन्हें इस मामले से जुड़े घटनाक्रम पर सार्वजनिक रूप से राय व्यक्त करने से रोक शामिल है। जेराल्ड की ओर से अधिवक्ता पुलियांथोप मोहन् और डी जॉनसन ने पक्ष रखा।
अधिवक्ता मोहन् ने कहा,
“कोर्ट को पुलिस की ओर से दी गई दलीलें संतोषजनक नहीं लगीं। इसलिए जेराल्ड को ज़मानत दी गई।”
परिवार की प्रतिक्रिया
गिरफ्तारी के बाद जेराल्ड की पत्नी जेन फेलिक्स ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके पति केवल “सच्चाई सामने ला रहे थे।” उन्होंने सवाल उठाया कि क्या देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वास्तव में मौजूद है।
पिछली गिरफ्तारियाँ और सोशल मीडिया पर कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब जेराल्ड को गिरफ्तार किया गया हो। इससे पहले उन्हें यूट्यूबर सवुक्कु शंकर के साथ महिला पुलिसकर्मियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
तमिलनाडु पुलिस ने सोमवार को भी तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन पर करूर भगदड़ को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने का आरोप है। साथ ही, 26 सोशल मीडिया अकाउंट्स पर केस दर्ज किए गए हैं, जिन पर राज्य सरकार और पुलिस के खिलाफ गलत जानकारी फैलाने का आरोप है।
मानवीय टच
इस गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। कई लोग इसे फेक न्यूज पर कार्रवाई बता रहे हैं, तो कुछ इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मान रहे हैं।
