दुर्ग, 1 अक्टूबर।
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से एक बड़े ठगी कांड का पर्दाफाश हुआ है। यहां NGO डोनेशन के नाम पर 20.50 लाख रुपए की ठगी करने वाला आरोपी बिहार से गिरफ्तार हुआ है। पुलिस ने उसे टेक्निकल इंटेलिजेंस की मदद से पकड़ा।
आरोपी का नाम संतोष तिवारी (37 वर्ष) है। उसने पद्मनाभपुर निवासी कृष्णकांत शर्मा से संपर्क कर दावा किया कि वह बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों से जुड़ा है और उनके NGO को 5 करोड़ रुपए का फंड दिलवा सकता है। इस प्रक्रिया के नाम पर उसने प्रशासनिक और प्रोसेसिंग फीस के तौर पर 20.50 लाख रुपए वसूले। रकम मिलते ही आरोपी ने मोबाइल बंद कर फरारी काट ली।
डिजिटल फुटप्रिंट से पकड़ाया आरोपी
दुर्ग पुलिस ने BNS की धारा 318(4) के तहत केस दर्ज किया और जांच शुरू की। शुरुआती सुराग दिल्ली तक पहुंचे, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद पुलिस ने आरोपी के डिजिटल फुटप्रिंट्स खंगाले और उसकी लोकेशन बिहार के बक्सर जिले में ट्रेस की।
30 सितंबर 2025 को पुलिस टीम ने आशा पड़री गांव से संतोष तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
NGO और समाजसेवा संस्थाएं थीं मुख्य निशाना
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी खासतौर पर समाजसेवा संस्थाओं और NGO को ही टारगेट करता था। वह कंपनियों से जुड़े होने का झूठा दावा करता और करोड़ों का डोनेशन दिलाने का लालच देकर मोटी रकम ऐंठ लेता।
पुलिस कर रही है आगे की जांच
फिलहाल छत्तीसगढ़ पुलिस आरोपी को कोर्ट में पेश करने की तैयारी में है। साथ ही उसके पुराने मामलों की भी जांच की जा रही है ताकि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके। पुलिस का मानना है कि आरोपी ने इसी तरह अन्य राज्यों में भी ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया हो सकता है।
