रायपुर, 30 सितंबर 2025।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में जहां शासकीय सेवकों को आकस्मिक वित्तीय आवश्यकताओं के लिए राहत दी गई, वहीं दिव्यांगजनों और शिक्षा व्यवस्था को लेकर भी बड़े कदम उठाए गए।
शासकीय सेवकों के लिए वेतन पर ऋण सुविधा
मंत्रिपरिषद ने तय किया कि राज्य के शासकीय सेवकों की आकस्मिक वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से वेतन के विरुद्ध अल्पावधि ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए वित्त विभाग को अधिकृत किया गया है। साथ ही, पात्र बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से किए जाने वाले एमओयू के प्रारूप को भी मंजूरी दी गई।
दिव्यांगजनों को बड़ी राहत
बैठक में दिव्यांगजनों के हित में बड़ा निर्णय लेते हुए राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (NDFDC) की ₹24.50 करोड़ बकाया ऋण राशि को एकमुश्त वापस करने का निर्णय लिया गया। इस निगम के माध्यम से राज्य के दिव्यांगजनों को स्वरोजगार और शिक्षा के लिए केवल 3% ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। सरकार का मानना है कि इस कदम से दिव्यांगजन समुदाय को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और उनकी आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
100 स्पेशल एजुकेटर भर्ती को हरी झंडी
मंत्रिपरिषद ने राज्य में 100 स्पेशल एजुकेटर पदों पर सीधी भर्ती की अनुमति दी है। इसके लिए शिक्षा विभाग के भर्ती नियम-2019 को एक बार के लिए शिथिल किया गया है। अब इन पदों पर चयन परीक्षा की बजाय मेरिट के आधार पर सीधी भर्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
प्रशासनिक फेरबदल: नए मुख्य सचिव का स्वागत
बैठक में मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हो रहे 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अमिताभ जैन को भावभीनी विदाई दी गई। साथ ही 1994 बैच के आईएएस अधिकारी विकास शील को नए मुख्य सचिव के रूप में स्वागत किया गया।
