भोपाल, 30 सितंबर 2025।
राजधानी की अयोध्या नगर थाना पुलिस ने ऑनलाइन सट्टा संचालन करने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 40 मोबाइल, 177 एटीएम कार्ड, 80 मोबाइल सिम, पांच लैपटॉप, दो कारें और 3.5 लाख रुपये नकद जब्त किए हैं। जब्त किए गए सामान की कुल कीमत करीब 50 लाख रुपये आंकी गई है। इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों के 15 लाख रुपये ऑनलाइन फ्रीज करा दिए हैं।
महादेव ऐप से ट्रेनिंग लेकर रुद्र ऐप पर सट्टा
पुलिस की पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि आरोपी पहले महादेव ऐप से ट्रेनिंग लेते थे और अब बैन के बाद बनाए गए रुद्र डायमंड ऐप के जरिए देशभर में ऑनलाइन सट्टा बुकिंग कर रहे थे।
ये लोग क्रिकेट और अन्य खेल मुकाबलों पर आईडी प्रोवाइड कराकर करोड़ों रुपये का ट्रांजैक्शन कर रहे थे। पुलिस को आरोपियों के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का हिसाब मिला है।
कार और मल्टी में बनाते थे कॉल सेंटर
थाना प्रभारी महेश लिल्हारे ने बताया कि पुलिस को मिनाल क्षेत्र में सूचना मिली थी कि आरोपी कार के भीतर सट्टा बुक कर रहे हैं। छापेमारी में सातों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
आरोपी इतने शातिर थे कि पकड़ से बचने के लिए कार और रेसिडेंसियल मल्टी में कॉल सेंटर जैसा सेटअप बनाकर ऑनलाइन सट्टा चलाते थे। वे फर्जी अकाउंट और सिम का इस्तेमाल कर ट्रांजैक्शन करते थे और आपसी बातचीत के लिए वाट्सऐप का सहारा लेते थे।
भारत-पाकिस्तान एशिया कप फाइनल में कर रहे थे सट्टा
पुलिस ने खुलासा किया कि जब गिरफ्तारी की गई, उस समय आरोपी भारत-पाकिस्तान एशिया कप फाइनल पर बड़ी रकम का सट्टा लगा रहे थे।
आरोपियों ने यह भी माना कि वे इंस्टाग्राम विज्ञापनों और टेलीग्राम चैनलों के जरिए लोगों को फंसाते थे।
गिरफ्तार आरोपी
गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं –
- अरुण वर्मा (28 वर्ष) पिता खिलेश्वर राव वर्मा, निवासी बालोदा बाजार (छत्तीसगढ़)
- डिगेश्वर प्रसाद वर्मा (33 वर्ष) पुत्र राम प्यारे वर्मा, निवासी बालोदा बाजार
- दिव्यांशु पवार (26 वर्ष) पुत्र कैलाश पवार, निवासी छिंदवाड़ा
- गोपी मणिकपुरी (23 वर्ष) पुत्र रघुनाथ दास मणिकपुरी, निवासी रायपुर
- अंकित दास (23 वर्ष) पिता सोहन दास, निवासी अमलई, शहडोल
- तरुण वर्मा (24 वर्ष) पिता परशुराम वर्मा, निवासी रायपुर
- सुनील वर्मा (35 वर्ष) पुत्र लेखराम वर्मा, निवासी बालोदा बाजार
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों और अज्ञात बड़े ऑपरेटरों की तलाश में जुटी है। जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि रुद्र ऐप का संचालन किन विदेशी नेटवर्क से जुड़ा है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा –
“यह गिरोह कम समय में अमीर बनने की चाहत में लोगों को फंसा रहा था। ऐसे अवैध कारोबार पर हमारी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।”
