20 साल पुराने तालाब का कायाकल्प: सिंचाई और मछलीपालन से बदल रही है ग्रामीणों की जिंदगी

रायपुर, 29 सितंबर 2025।
कोरिया जिले के सोनहत जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम किशोरी का वह तालाब, जो कभी अनुपयोगी हो चुका था, अब ग्रामीणों के जीवन में खुशहाली का स्रोत बन गया है। मिशन अमृत सरोवर के तहत नवीनीकृत यह तालाब आज सिंचाई, मछलीपालन, पशुओं के पेयजल और दैनिक जरूरतों को पूरा करते हुए गांव की तस्वीर बदल रहा है।

20 साल पुराने तालाब का कायाकल्प

ग्राम पंचायत किशोरी का यह तालाब करीब 20 वर्ष पुराना है। लंबे समय तक उपेक्षा के कारण इसमें जलभराव की क्षमता घट गई थी और यह अनुपयोगी हो गया था। वित्तीय वर्ष 2022-23 में पंचायत के प्रस्ताव पर इसे मिशन अमृत सरोवर योजना से जोड़ा गया। लगभग 10 लाख रुपये की लागत से इसका कायाकल्प किया गया और इसकी जलभराव क्षमता बढ़ाकर 10 हजार घनमीटर कर दी गई।

किसानों को मिला स्थायी लाभ

तालाब के पुनर्जीवन से आसपास के किसानों की तकदीर संवर रही है। किसान मनोज रक्सेल और अरविन्द सिंह की तीन-तीन एकड़ भूमि, जबकि सुरेन्द्र, लक्ष्मण, वीरेन्द्र और आनंद की दो-दो एकड़ ज़मीन अब सिंचित हो रही है। जगबली यादव की सवा एकड़ ज़मीन भी इस तालाब से सींची जा रही है। किसानों ने बताया कि अब वे केवल खरीफ ही नहीं, बल्कि रबी की फसलें भी ले पा रहे हैं, जिससे उनकी आय में दोगुना सुधार हुआ है।

महिलाओं की आत्मनिर्भरता की मिसाल

ग्राम पंचायत ने तालाब को जय मां महिला स्व-सहायता समूह को लीज पर दिया। समूह की सदस्य महिलाओं ने पिछले ग्रीष्मकाल में तालाब से मछलीपालन कर 75 हजार रुपये का लाभ कमाया। समूह की अध्यक्ष श्रीमती सोनकुंवर और सचिव श्रीमती जीराबाई ने बताया कि इस वर्ष लगभग 3 लाख रुपये के उत्पादन की उम्मीद है। यह प्रयास महिलाओं की अतिरिक्त आय और पोषण संवर्धन का जरिया बन रहा है।

खुशहाली का प्रतीक बना अमृत सरोवर

आज यह तालाब केवल जल संरक्षण का उदाहरण नहीं है, बल्कि किसानों की समृद्धि और महिलाओं की आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि तालाब के कायाकल्प से अब उनके जीवन में स्थायी परिवर्तन दिखाई दे रहा है।
एक बुजुर्ग ग्रामीण ने मुस्कुराते हुए कहा –
“20 साल तक यह तालाब सिर्फ नाम का था, अब यह हमारी जिंदगी का सहारा बन गया है।”

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