रायपुर, 29 सितंबर 2025।।
त्योहारी सीजन में छत्तीसगढ़ के साढ़े चार लाख से अधिक पेंशनरों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। राज्य सरकार ने पेंशनरों को दो प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई राहत (Dearness Relief) देने की घोषणा की है। इसके बाद अब उन्हें 55 प्रतिशत दर से महंगाई राहत मिलेगी।
हालांकि यह राहत जनवरी से लागू नहीं होगी, बल्कि सितंबर 2025 की पेंशन से लागू होगी। यानी अक्टूबर में मिलने वाले भुगतान में पेंशनरों को बढ़ी हुई दर पर राशि मिलेगी।
कर्मचारियों के बराबर मिलेगी राहत
प्रदेश के कर्मचारियों को एक जनवरी 2025 से ही 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है, जबकि पेंशनरों को अब तक मार्च 2025 से 53 प्रतिशत महंगाई राहत दी जा रही थी। इस दो प्रतिशत अंतर को समाप्त करने का फैसला वित्त विभाग की सहमति के बाद लिया गया।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 के तहत पेंशनरों और परिवार पेंशनरों की महंगाई राहत में वृद्धि का निर्णय दोनों राज्यों की सहमति से होता है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने 12 मार्च 2025 को सातवें वेतनमान में 3 प्रतिशत और छठवें वेतनमान में 7 प्रतिशत वृद्धि की थी। अब पेंशनरों को भी कर्मचारियों के बराबर 55 प्रतिशत राहत देने पर सहमति बनी है।
पेंशनर्स एसोसिएशन ने जताई नाराजगी
हालांकि, इस फैसले पर पेंशनर्स एसोसिएशन ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष आमोद सक्सेना ने कहा कि “मध्य प्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के अंतर्गत कर्मचारियों और पेंशनरों दोनों को एक जनवरी 2006 से छठवें वेतनमान का लाभ देने का निर्णय हुआ था। लेकिन पेंशनरों को इसका लाभ 1 सितंबर 2008 से दिया गया और 32 माह का एरियर आज तक नहीं मिला।”
वहीं, एसोसिएशन के संरक्षक गणेश दत्त जोशी ने कहा कि “पेंशनरों के साथ लगातार भेदभाव हो रहा है, जिससे उनके आर्थिक हितों पर कुठाराघात हो रहा है।”
त्योहारी सीजन में राहत, पर असंतोष भी
त्योहारी मौसम में आई इस राहत से लाखों पेंशनरों के चेहरे पर मुस्कान आई है, लेकिन पुराने लंबित एरियर और पिछली असमानताओं को लेकर असंतोष भी स्पष्ट दिख रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला पेंशनरों की तत्काल राहत जरूर देगा, लेकिन सरकार को लंबे समय से लंबित मामलों को सुलझाना होगा, ताकि पेंशनरों का भरोसा मजबूत हो सके।
