कांकेर, 29 सितम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। तियारपानी जंगलों में रविवार से जारी मुठभेड़ में शीर्ष माओवादी कमांडर श्रवण मड़कम उर्फ विश्वनाथ उर्फ बुधराम पुनेम मारा गया। श्रवण सीतानदी-रावस समन्वय क्षेत्र समिति का सचिव था और उस पर 8 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
यह मुठभेड़ जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के संयुक्त अभियान के दौरान हुई। कांकेर पुलिस अधीक्षक इंदिरा कल्याण एलिसेला ने इसकी पुष्टि की।
इस अभियान में श्रवण के साथ दो अन्य माओवादी भी ढेर हुए। इनमें नागरी एरिया कमेटी/गोबरा एलओएस का कमांडर राजेश उर्फ राकेश हेमला (इनामी 5 लाख रुपए) और मैनपुर-नुआपाड़ा समन्वय संरक्षण दल की सदस्य बसंती कुंजाम उर्फ हिडमें (इनामी 1 लाख रुपए) शामिल हैं।
यह मुठभेड़ कांकेर थाना क्षेत्र के अंतर्गत छिंदखरक गांव के पास पहाड़ी वन क्षेत्र में हुई, जो धमतरी-ओडिशा सीमा के बेहद करीब है।
हथियारों का जखीरा बरामद
मुठभेड़ के बाद चलाए गए तलाशी अभियान में दो पुरुष और एक महिला माओवादी के शव बरामद किए गए। सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से एक SLR राइफल, एक 303 राइफल, एक 12 बोर राइफल और अन्य नक्सली सामग्री बरामद की। अधिकारियों के मुताबिक, यह बरामदगी माओवादी नेटवर्क को कमजोर करेगी।
तलाशी अभियान जारी
एसपी एलिसेला ने बताया कि अभियान खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किया गया था। फिलहाल सुरक्षा बल के जवान घने जंगल में तलाशी अभियान जारी रखे हुए हैं। आसपास के जिलों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, रविवार की शाम से ही इलाके में लगातार गोलीबारी की आवाजें सुनाई दे रही थीं। इस मुठभेड़ को क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ बड़ा झटका माना जा रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया
अधिकारियों का मानना है कि इस अभियान से छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर सक्रिय माओवादी गुटों का समन्वय कमजोर होगा। पुलिस ने कहा कि प्रभावित इलाकों में शांति और सुरक्षा बहाल करने की प्रतिबद्धता पहले से ज्यादा मजबूत हुई है।

यह घटना बताती है कि राज्य में माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का दबाव लगातार बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में ऐसे अभियान और तेज किए जाएंगे।
