रायपुर, 27 सितंबर 2025: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के गुल्लू गांव स्थित गौठान में 15 से अधिक गौवंश की मौत की खबर ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। पिछले दो दिनों में समोदा और खरोरा गौठानों में भी गायों और अन्य मवेशियों की मौत की घटनाएँ सामने आई हैं, जिससे कुल मिलाकर तीन गौठानों में तीन दर्जन से ज़्यादा मवेशियों की जान जा चुकी है।
भूख और बारिश से मौत की आशंका:
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि गौठानों में पर्याप्त चारा उपलब्ध नहीं था और बारिश से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। लगातार भीगने और भूख के कारण मवेशियों की हालत बिगड़ती गई और मौतें होने लगीं। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई दिनों से गौठानों में न तो नियमित देखरेख हो रही थी और न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी स्थिति का जायज़ा लेने आया। मृत पशुओं के अलावा गौठान के पास दर्जनों कंकाल भी पड़े मिले हैं, जो यह दर्शाते हैं कि मौतों का सिलसिला नया नहीं है।
कांग्रेस कमेटी ने की मौके पर जांच:
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की एक जांच समिति ने आज गुल्लू गौठान का दौरा किया। समिति के सदस्यों ने मौके पर मौजूद मृत पशुओं और दुर्दशा की तस्वीरों को दस्तावेज़ी किया और कहा कि इस पूरे मामले की रिपोर्ट वे प्रदेश नेतृत्व के सामने प्रस्तुत करेंगे।
प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल:
स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशासन की लापरवाही और निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं। अब तक जिला प्रशासन की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला केवल गौवंश की मौत तक सीमित नहीं है, बल्कि गौठानों की व्यवस्थाओं की गंभीर असफलताओं को उजागर करता है। यदि प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता है तो यह मुद्दा राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर बड़ा रूप ले सकता है।
