राज्यपाल रामेन डेका का संदेश: न्याय सबके लिए समान, केवल प्रभावशालियों के लिए नहीं

रायपुर, 27 सितंबर 2025।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रजत जयंती समारोह में शनिवार को राज्यपाल रामेन डेका ने कहा कि न्याय तक सभी की समान पहुँच होनी चाहिए और यह धारणा खत्म होनी चाहिए कि न्याय केवल प्रभावशाली और ताकतवर लोगों के लिए है।

राज्यपाल ने कहा—
“आजकल मीडिया ट्रायल की प्रवृत्ति बढ़ गई है। न्यायपालिका को इससे दूर रहना चाहिए। वकीलों का कर्तव्य है कि वे पूरी निष्ठा से अपने मुवक्किल का पक्ष रखें, वहीं न्यायाधीश का दायित्व सत्य तक पहुँचना है।”


✦ 30 साल तक ₹100 की रिश्वत मामले में लड़ा केस

राज्यपाल ने रायपुर के एक नागरिक का उदाहरण देते हुए कहा कि उसने मात्र ₹100 की रिश्वत मामले में 30 साल तक न्याय की लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा—
“यह केवल 100 रुपये की बात नहीं है, यह न्याय की लड़ाई है। मैं उस व्यक्ति को सलाम करता हूँ।”


✦ न्याय में देरी पर चिंता

डेका ने कहा कि आजकल न्याय मिलने में बहुत देर हो रही है, जिससे आमजन में विश्वास प्रभावित होता है।
“न्याय में देरी का मतलब है न्याय से वंचित होना। न्यायपालिका को अपनी विश्वसनीयता बनाए रखनी होगी।”


✦ जनहित याचिकाओं पर सख्ती की ज़रूरत

राज्यपाल ने कहा कि आजकल पीआईएल (जनहित याचिका) दाखिल करना “फैशन” बन गया है। कई बार इनके पीछे असली मंशा नहीं होती। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल के दिनों में पीआईएल और जमानत से जुड़े फैसलों की प्रशंसा भी की।


✦ परिवार की यादें और अधूरा सपना

अपने जीवन से जुड़ी बात साझा करते हुए डेका ने कहा—
“मेरे परिवार की हमेशा इच्छा थी कि मैं वकील बनूँ, लेकिन किस्मत मुझे यहाँ ले आई। अगर मुझे जीवन में किसी बात का अफसोस है तो यही कि मैंने कानून की पढ़ाई पूरी नहीं की।”


✦ सीएम ने गिनाईं हाईकोर्ट की उपलब्धियाँ

समारोह में मुख्यमंत्री विश्नु देव साय ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के डिजिटल नवाचारों जैसे वर्चुअल कोर्ट, लाइव-स्ट्रीमिंग, डिजिटल रिकॉर्ड रूम और आधुनिक न्यायिक प्रशिक्षण का उल्लेख किया।

उन्होंने यह भी बताया कि यहां के कई न्यायाधीश जैसे ए.एम. खानविलकर, नवीन सिन्हा, अशोक भूषण, भूपेश गुप्ता और प्रशांत कुमार मिश्रा सुप्रीम कोर्ट में भी सेवाएँ दे चुके हैं।


✦ सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों का संदेश

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जे.के. माहेश्वरी ने कहा कि अब समय है यह सोचने का कि अगले 25 वर्षों में हमें न्यायपालिका को कहाँ ले जाना है। उन्होंने संविधान में निहित कानून के शासन की भावना को पूरा करने और न्याय को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने का आह्वान किया।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा ने भी हाईकोर्ट की स्थापना (2000) के समय की अपनी यादें साझा कीं और रजत जयंती की शुभकामनाएँ दीं।


✦ समारोह में उपस्थित

समारोह में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा, केंद्रीय राज्यमंत्री टोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी भी मौजूद रहे।