छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की रजत जयंती: न्यायपालिका का सर्वोत्तम उद्देश्य है जनता का विश्वास

रायपुर, 27 सितंबर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती समारोह का आयोजन राज्यपाल श्री रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, और कई न्यायाधीश एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई और इस अवसर पर स्मारिका का विमोचन भी किया गया। राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि हाईकोर्ट संविधान का व्याख्याकार और नागरिक अधिकारों का संरक्षक है। उन्होंने कहा कि न्याय केवल सामर्थ्यवान के लिए नहीं बल्कि गांव-गरीब और आमजन के लिए भी सर्वसुलभ होना चाहिए

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर को नई पहचान दी है और अपने 25 वर्षों में कई ऐतिहासिक निर्णय दिए हैं। उन्होंने न्यायिक ढांचे को और मजबूत करने के लिए विधि विभाग के बजट में 29% की वृद्धि का उल्लेख किया।

कार्यक्रम में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश श्री जे.के. माहेश्वरी ने कहा— “आमजनों का विश्वास प्राप्त करना ही न्यायपालिका का सर्वोत्तम उद्देश्य है। न्याय व्यवस्था को अंतिम पायदान तक खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है।” उन्होंने बेंच, बार और अधिवक्ताओं से साझा विजन बनाने का आह्वान किया।

इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि यह सिर्फ 25 वर्षों की यात्रा का उत्सव नहीं, बल्कि न्यायपालिका की उस सुदृढ़ परंपरा का सम्मान है जिसने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा ने स्वागत भाषण दिया और न्यायालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। समारोह के अंत में न्यायाधीश श्री संजय के अग्रवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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