रायपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर जारी लगातार कार्रवाई से नक्सली खौफजदा हैं और अब जंगलों से निकलकर शहरों में पनाह लेने की कोशिश कर रहे हैं। राजधानी रायपुर में पुलिस ने एक नक्सली पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से फर्जी पहचान पर रह रहे थे।
एसआईए की टीम ने दोनों को रायपुर के चंगोराभाठा इलाके से पकड़ा। गिरफ्तार किए गए नक्सलियों की पहचान जग्गू उर्फ रमेश कुरसम और उनकी पत्नी कमला के रूप में हुई है। दोनों मूल रूप से बीजापुर के गंगालूर इलाके के रहने वाले बताए जा रहे हैं और वर्ष 2017 से नक्सली संगठन से जुड़े थे।
पुलिस के मुताबिक, दंपत्ति इलाज का बहाना बनाकर रायपुर में किराए के मकान में रह रहा था। उन्होंने मकान मालिक को फर्जी आधार कार्ड दिए थे। जांच में सामने आया है कि वे बीते चार से पांच साल से रायपुर में रह रहे थे और कई बार ठिकाना बदल चुके थे।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उनके पास से मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक सामान और अहम दस्तावेज जब्त किए हैं। बताया जा रहा है कि रमेश ने रायपुर में रहते हुए एक बड़े अफसर के घर पर ड्राइवर और गार्ड की नौकरी भी की थी। इस वजह से पुलिस को शक है कि दंपत्ति शहरी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है।
दोनों को गिरफ्तारी के बाद बिलासपुर स्थित एनआईए कोर्ट में पेश किया गया। जहां से रमेश को रिमांड पर लिया गया, जबकि पत्नी कमला को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस अब दोनों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे शहर में किस मकसद से रुके थे और उनके संपर्क किससे थे।
बस्तर में जारी नक्सल विरोधी कार्रवाई
बस्तर संभाग में बीते कुछ महीनों से नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई तेज हुई है। 2025 की शुरुआत से अब तक 180 से अधिक नक्सली मारे गए हैं, 1000 से ज्यादा गिरफ्तार किए गए हैं और 837 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। लगातार दबाव के चलते नक्सली अब शहरी इलाकों में भी सक्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं।
रायपुर में नक्सली दंपत्ति की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि नक्सली अब शहरों में भी अपने नेटवर्क को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे थे। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब इस पूरे शहरी नेटवर्क को खंगालने में जुट गई हैं।
