दुर्ग, 26 सितंबर 2025: प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला दुर्ग (छ.ग.) ने शुक्रवार को मुख्यालय स्थित केन्द्रीय जेल दुर्ग का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण का उद्देश्य जेल में बंदियों की सुविधा, स्वास्थ्य और स्वच्छता की स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन करना था।
महिला प्रकोष्ठ का अवलोकन
न्यायाधीश ने सबसे पहले महिला प्रकोष्ठ का निरीक्षण किया। यहाँ निरूद्ध महिला बंदियों से उनके प्रकरण की स्थिति, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, भोजन की गुणवत्ता, साफ-सफाई और स्वच्छता व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। इसके पश्चात जेल अस्पताल में बीमार बंदियों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत कर उनकी स्वास्थ्य समस्याओं और आवश्यकताओं से अवगत हुए।
बंदियों की शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण
जेल में कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त कर रही बंदियों से उनके प्रकरण और प्रशिक्षण संबंधी जानकारी प्राप्त की। न्यायाधीश ने निर्देश दिए कि जेल में बंदियों द्वारा बनाये जा रहे एल.ई.डी. बल्ब, आचार, फर्नीचर और अन्य सामग्रियों के प्रचार हेतु जिला न्यायालय दुर्ग परिसर में बोर्ड लगाए जाएँ।
प्रकरण अद्यतन और विधिक सहायता
सजायाफ्ता बंदियों के अपील संबंधी प्रकरण अद्यतन करने और उन्हें प्रकरण की वर्तमान स्थिति से अवगत कराने के निर्देश जेल अधिकारियों को दिए गए। नव आगंतुक बंदियों को उनके प्रकरण संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने के साथ ही, जिन बंदियों के पास निजी अधिवक्ता नहीं हैं, उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता और अधिवक्ता उपलब्ध कराने की जानकारी दी गई।
स्वच्छता और मौलिक सुविधाओं पर जोर
न्यायाधीश ने जेल प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि बंदियों को स्वच्छ वातावरण, पौष्टिक भोजन, नियमित चिकित्सा जांच और शिक्षा के अवसर जैसी सभी मौलिक सुविधाएं बिना किसी व्यवधान के प्रदान की जाएँ।
उपस्थित अधिकारी
निरीक्षण के दौरान सप्तम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के सचिव, जेल अधीक्षक, विधि अधिकारी, प्रभारी उप जेल अधीक्षक, महिला प्रकोष्ठ प्रभारी, एलएडीसीएस के कौंसिल और अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

यह निरीक्षण जेल प्रशासन और न्यायपालिका की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि बंदियों को मानवीय, सुरक्षित और सुव्यवस्थित वातावरण में रहने का अवसर मिल रहा है।
