भाजपा नेता रतन दुबे हत्याकांड: एनआईए ने दो नक्सली आरोपियों पर दाखिल की सप्लीमेंट्री चार्जशीट, UAPA के तहत कार्रवाई

जगदलपुर, 26 सितंबर 2025: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भाजपा नेता रतन दुबे हत्याकांड मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए दो नक्सली आरोपियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। एजेंसी ने दोनों पर गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम – UAPA और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं।

यह चार्जशीट 25 सितंबर को जगदलपुर की विशेष एनआईए अदालत में दाखिल की गई। एजेंसी के मुताबिक, आरोपी शिवानंद नाग और उसके पिता नारायण प्रसाद नाग को नक्सली गतिविधियों और रतन दुबे की हत्या की साजिश में सक्रिय भूमिका निभाने का दोषी पाया गया है।

क्या है मामला?
नवंबर 2023 में भाजपा के नारायणपुर जिला उपाध्यक्ष रतन दुबे की उस वक्त नृशंस हत्या कर दी गई थी जब वे चुनाव प्रचार के लिए कौशलनार गांव (झराघाटी क्षेत्र, नारायणपुर) के साप्ताहिक हाट पहुंचे थे। दुबे पर भीड़भरे बाजार में नक्सलियों ने धारदार हथियारों से हमला कर मौत के घाट उतार दिया था।

एनआईए जांच में सामने आया कि हत्या न केवल राजनीतिक और व्यक्तिगत रंजिश से जुड़ी थी बल्कि चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने और स्थानीय लोगों में दहशत फैलाने के मकसद से भी की गई थी।

जांच में क्या निकला सामने?
एजेंसी ने पाया कि आरोपी नाग पिता-पुत्र प्रतिबंधित संगठन CPI (माओवादी) के सक्रिय सदस्य थे और बेयानार एरिया कमेटीबारसूर एरिया कमेटी (पूर्व बस्तर डिवीजन) के नक्सली नेटवर्क से जुड़े थे। इनके साथ कई ओवरग्राउंड वर्कर (OGWs) भी इस साजिश में शामिल पाए गए।

अब तक की कार्रवाई:

  • एनआईए ने फरवरी 2024 में यह मामला अपने हाथ में लिया।
  • जून 2024 में आरोपी धन सिंह कोर्राम के खिलाफ पहली चार्जशीट दाखिल हुई।
  • दिसंबर 2024 में सैनूराम कोर्राम और लालूराम कोर्राम को गिरफ्तार कर सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई।
  • अब सितंबर 2025 में शिवानंद नाग और नारायण प्रसाद नाग पर तीसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल हुई है।
  • एजेंसी की ओर से आगे की जांच अभी भी जारी है।

यह मामला नक्सली आतंक और राजनीति के बीच टकराव की एक बड़ी मिसाल माना जा रहा है, जिसने बस्तर के आदिवासी अंचल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सीधा चुनौती दी थी।