मध्यप्रदेश की राजनीति में इन दिनों गोमांस पर जीएसटी को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। केन्द्र सरकार द्वारा गोमांस पर शून्य जीएसटी और राज्य सरकार द्वारा अंतरराज्यीय परिवहन पर कर छूट देने के फैसले पर कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सत्ता में रहते हुए गौमाता का नाम तो लेती है, लेकिन असल में बीफ निर्यात को बढ़ावा देती है।
पटवारी ने कहा—
“भारत दुनिया का सबसे बड़ा बीफ निर्यातक है और इसमें सबसे बड़ा योगदान भाजपा सरकार का है। जो पार्टी गोमाता की पूजा की बात करती है, वही सरकार गौमांस पर जीएसटी शून्य क्यों रखती है? हम गोमाता को कटने नहीं देंगे।”
इधर गौ पूजा, उधर टैक्स फ्री बीफ
पटवारी ने कहा कि भाजपा का दोहरा चेहरा अब जनता के सामने आ चुका है। “इधर गौ पूजा की जाती है और उधर बीफ को टैक्स फ्री किया जा रहा है।”
भ्रष्टाचार पर भी कसा तंज
जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि—
“पूरे मध्यप्रदेश में एक भी विभाग ऐसा नहीं है, जहाँ बिना भ्रष्टाचार के काम होता हो। भाजपा ने लूट और बेईमानी की सरकार खड़ी कर दी है। कोई भी मंत्री ईमानदार नहीं है।”
कांग्रेस का आंदोलन कार्यक्रम
कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह 26 और 27 सितंबर को पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी।
- 26 सितंबर को जिला और बाजार स्तर पर भाजपा की “जीएसटी लूट” और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध।
- 27 सितंबर को सभी नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों में प्रदर्शन।
- गोशालाओं का निरीक्षण कर, सड़क पर घूम रही गौमाताओं को कलेक्टर कार्यालय ले जाकर नकली गोभक्तों का चेहरा उजागर किया जाएगा।
सरकार का पलटवार
कांग्रेस के आरोपों पर सरकार ने सफाई दी। राज्य सरकार ने कहा कि—
- 2004 से मध्यप्रदेश में गोवंश वध प्रतिबंधित है। उल्लंघन करने पर 3 साल की सजा का प्रावधान है।
- जीएसटी दरें जीएसटी काउंसिल तय करती है, जिसमें कांग्रेस और विपक्ष के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
- जीएसटी से पहले भी गोमांस टैक्स फ्री श्रेणी में था।
सरकार ने कांग्रेस के दावों को “भ्रामक, शरारतपूर्ण और धार्मिक आस्था भड़काने वाला” करार दिया।
माहौल
यह मुद्दा प्रदेश में धर्म और राजनीति का बड़ा सवाल बन गया है। कांग्रेस इसे जनता के बीच भावनात्मक तरीके से उठा रही है, जबकि भाजपा का कहना है कि विपक्ष केवल अफवाह फैला रहा है। आने वाले दिनों में यह विवाद विधानसभा चुनावी राजनीति में अहम भूमिका निभा सकता है।
