दुर्ग वैष्णव समाज ने लाल जे.के. वैष्णव को ‘महन्त बने महाराजा’ पुस्तक विमोचन में सम्मानित किया

दुर्ग, 25 सितंबर 2025।
वैष्णव समाज, दुर्ग ने सोनीपत, हरियाणा में नरेश कुमार स्वामी निंबार्क द्वारा लिखित पुस्तक ‘महन्त बने महाराजा’ के विमोचन अवसर पर वैष्णव सेवासंघ मुंबई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लाल जे. के. वैष्णव को प्रतीक चिन्ह मोमेंटो, शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित करने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी।


पुस्तक का ऐतिहासिक महत्व

यह पुस्तक स्वतंत्रता पूर्व भारत की 562 देशी रियासतों में से केवल राजनांदगांव एवं छुईखदान में विद्यमान बैरागी वैष्णव रियासत के इतिहास पर आधारित है। हरियाणा के नरेश कुमार स्वामी निंबार्क ने इस ऐतिहासिक विरासत को सहेजते हुए ‘महन्त बने महाराजा’ लिखी। विमोचन समारोह में अतिथियों ने पुस्तक का विधिवत उद्घाटन किया।


सम्मान और कवि सम्मेलन

लाल जे. के. वैष्णव ने लेखक नरेश कुमार स्वामी के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया। पुस्तक विमोचन के पश्चात आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवियों ने अपने मनमोहक काव्य पाठ से उपस्थित प्रबुद्ध श्रोताओं का मन मोह लिया।

छोटे राजा परिवार की श्रीमती लतारानी लाल जे.के. वैष्णव ने पुस्तक के लेखक नरेश कुमार स्वामी, राष्ट्रीय कवि प्रमोद रामावत नीमच, और छुईखदान की पुस्तक ‘परत दर परत’ के लेखक ठाकुर वीरेन्द्र बहादुर सिंह को पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया।


कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

इस अवसर पर नगर पंचायत छुईखदान की अध्यक्ष रानी नम्रता देवी वैष्णव, राजा गिरिराज किशोर वैष्णव, राजकुमार देवराज वैष्णव, मधुकिशोरी वैष्णव पंडरिया, लखनदास वैष्णव राष्ट्रीय महासचिव सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

दुर्ग वैष्णव समाज के रजनीश वैष्णव, परमेश्वर वैष्णव, सुनील वैष्णव, कमलेश वैष्णव, संजय वैष्णव, किरण वैष्णव, राघवेन्द्र वैष्णव, सूर्या वैष्णव, शिवेन्द्र वैष्णव, राजेन्द्र प्रदीप वैष्णव, शिव वैष्णव और अन्य सदस्यों ने बधाई दी।

कार्यक्रम में जिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष सज्जाक खान, दीपक जैन, सुदीप श्रीवास्तव, नीलम वैष्णव, प्रेरणा मंच से अशोक चन्द्राकर, शरद श्रीवास्तव, आदित्य देव वैष्णव (अध्यक्ष जय श्री जगन्नाथ सेवा समिति), प्रदीप श्रीवास्तव, कमलेश यादव सहित अनेक पत्रकार और प्रबुद्ध श्रोता उपस्थित थे।

यह कार्यक्रम वैष्णव समाज की संस्कृति, साहित्य और इतिहास के संरक्षण की भावना का जीवंत उदाहरण रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *