मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से राज्य प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने की सौजन्य मुलाकात, दिए प्रशासनिक सेवा में समर्पण के मंत्र

रायपुर, 25 सितम्बर 2025।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में राज्य प्रशासनिक सेवा (RAS) के प्रशिक्षु अधिकारियों ने सौजन्य मुलाकात की। मुलाकात के दौरान माहौल आत्मीय और संवादपूर्ण रहा। प्रशिक्षु अधिकारियों के उत्साह और जिज्ञासा ने यह दर्शाया कि वे जनता की सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित हैं।

प्रतिनिधिमंडल में 2024 बैच के 13 प्रशिक्षु अधिकारी और 2021 बैच के एक अधिकारी शामिल थे। मुख्यमंत्री ने सभी से बातचीत करते हुए कहा कि—

“राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रशासन की रीढ़ हैं। जनता की समस्याओं का समाधान आपके हाथों में है। आप प्रशासनिक भूमिका के साथ-साथ समाज के सजग नागरिक भी हैं, इसलिए एक बेहतर समाज निर्माण में योगदान देना भी आपका कर्तव्य है।”

प्रशिक्षण से सेवा यात्रा की शुरुआत

छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी के संचालक श्री टी.सी. महावर ने मुख्यमंत्री को बताया कि इन अधिकारियों का 7 अप्रैल 2025 से प्रारंभ हुआ इंडक्शन कोर्स अब समाप्त हो रहा है। इसके बाद यह अधिकारी विभिन्न जिलों में डिप्टी कलेक्टर के रूप में कार्य करेंगे और शासन की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी निभाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रशिक्षुओं से उनके अनुभव भी पूछे और कहा कि—

“यह सौभाग्य की बात है कि आपको राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में जनता की सेवा का अवसर मिला है। इसे निष्ठा और समर्पण से निभाइए।”

नक्सल समस्या और विकास की दृष्टि

मुख्यमंत्री ने चर्चा में कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों और उर्वर भूमि से सम्पन्न राज्य है। यहाँ खनिज संपदा, मजबूत पावर सेक्टर और औद्योगिक विकास की बड़ी संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद विकास की राह में सबसे बड़ी बाधा रहा, लेकिन अब यह अपनी अंतिम साँसें गिन रहा है।
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि—

“प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का संकल्प है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सल समस्या का उन्मूलन हो जाएगा। इसके बाद छत्तीसगढ़ और तेजी से प्रगति करेगा। इस लक्ष्य की प्राप्ति में आप जैसे अधिकारियों की जिम्मेदारी और बढ़ जाएगी, विशेषकर जनजातीय समाज को मुख्यधारा में लाने में।”

सुशासन और नई पहल

मुख्यमंत्री श्री साय ने पारदर्शिता को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहाँ सुशासन एवं अभिसरण विभाग बनाया गया है। उन्होंने बताया कि ई-ऑफिस प्रणाली लागू की जा चुकी है, जिससे कार्य संस्कृति में दक्षता और पारदर्शिता आई है।
नई औद्योगिक नीति के तहत अब तक साढ़े 7 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। उन्होंने कहा कि—

“छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य बनाने में आप सभी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।”

जनता से जुड़ाव पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री ने राजस्व मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह विषय सीधे जनता की परेशानियों से जुड़ा है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से आग्रह किया कि छोटी-सी पहल से भी जनता को बड़ी राहत मिल सकती है।
उन्होंने बताया कि सरकार राजस्व मामलों का समयबद्ध और ऑनलाइन निराकरण सुनिश्चित कर रही है।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी के संयुक्त संचालक श्री प्रणव सिंह तथा प्रशिक्षु अधिकारी उपस्थित थे।

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