रायपुर में चिकित्सा विज्ञान की ऐतिहासिक उपलब्धि: सरकारी अस्पताल में देश का पहला Backman Total Physiological Pacing सफल

रायपुर, 25 सितम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ने चिकित्सा विज्ञान में एक ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया है जिस पर हर प्रदेशवासी गर्व कर सकता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट (एसीआई) में 68 वर्षीय महिला मरीज पर देश का छठा और किसी भी सरकारी संस्थान का पहला Backman Total Physiological Pacing सफलतापूर्वक किया गया।

मरीज की कहानी से जुड़ी उपलब्धि

रायपुर की रहने वाली यह महिला लंबे समय से “सिक साइनस सिंड्रोम” नामक गंभीर रोग से पीड़ित थीं। इस बीमारी में हृदय की प्राकृतिक धड़कन नियंत्रित करने वाली कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और धड़कन असामान्य हो जाती है। सामान्य पेसिंग तकनीक से हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ सकता था, लेकिन एसीआई के डॉक्टरों ने जोखिम उठाते हुए एक नई तकनीक अपनाई।
डॉ. स्मित श्रीवास्तव और उनकी टीम ने बैकमैन बंडल में पेसमेकर लीड लगाकर हृदय की प्राकृतिक विद्युत संरचना को सक्रिय किया। इससे हृदय अब अपने प्राकृतिक ढंग से धड़क रहा है।

डॉक्टरों की मेहनत और टीमवर्क

इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी मैपिंग से लेकर लीड इंप्लांट तक हर कदम पर सटीकता की ज़रूरत थी। टीम में विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव के साथ डॉ. एस. के. शर्मा, डॉ. कुणाल ओस्तवाल, डॉ. अनुराग कुजूर और डॉ. वेद प्रकाश शामिल थे।
यह पूरी प्रक्रिया मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत निःशुल्क की गई। मरीज और परिवार के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।

सरकार की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा—

“यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ की चिकित्सा सेवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाती है। यह गर्व की बात है कि सरकारी अस्पताल अब विश्वस्तरीय जटिल उपचार भी कर रहा है।”

वहीं स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि—

“अब प्रदेश के मरीजों को महानगरों की ओर नहीं देखना पड़ेगा। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक को मुफ्त और उच्चस्तरीय इलाज उपलब्ध कराया जाए।”

राष्ट्रीय स्तर पर पहचान

एसीआई पहले से ही देश में इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के मामलों में शीर्ष संस्थानों की सूची में है। वर्ष 2022-23 में यह संस्था देशभर में पाँचवें स्थान पर रही थी। अब यह उपलब्धि इसे राष्ट्रीय चिकित्सा मानचित्र पर और मज़बूत स्थान दिलाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *