मुंबई/औरंगाबाद: मराठवाड़ा में लगातार हो रही भारी बारिश और भीषण बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खेत तबाह हो चुके हैं, फसलें बर्बाद हो गई हैं और कई जगह उपजाऊ मिट्टी तक बह गई है। परंतु कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार अब तक प्रभावित किसानों को कोई ठोस आश्वासन देने में नाकाम रही है।
वडेट्टीवार ने वित्त मंत्री अजित पवार के हालिया बयान पर पलटवार किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि “पैसा पेड़ पर नहीं उगता।” इस पर वडेट्टीवार ने तीखे लहजे में पूछा, “क्या इसका मतलब यह है कि सरकार चुपचाप किसानों की आत्महत्याएं देखती रहेगी?”
“दिखावे की यात्राएं, राहत नहीं”
कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की राहत कार्यों के नाम पर की जा रही दौरों को “सिर्फ दिखावा” बताया। उन्होंने कहा, “जब किसान मुआवजे की बात करते हैं, सरकार कहती है कि इस पर राजनीति मत करो। यह राजनीति नहीं, बल्कि किसानों का दर्द है। यदि कोष खाली है तो सरकार साफ-साफ बताए कि कितनी मदद करेगी। उनके रवैये से साफ है कि किसानों की मदद करने का इरादा ही नहीं है।”
चुनावी वादों की याद दिलाई
वडेट्टीवार ने सत्ताधारी गठबंधन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चुनाव से पहले यही दल किसान कर्जमाफी का वादा करते फिरते थे। “अब बहाने बनाए जा रहे हैं। किसानों को उनकी उपज का भाव नहीं मिल रहा, सोयाबीन की फसल रोगों से नष्ट हो रही है और फसल बीमा की रकम कब आएगी इसकी कोई गारंटी नहीं है। हर किसान को कम से कम 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता दी जाए।”
“फसल ही नहीं, मिट्टी भी बह गई”
उन्होंने कहा कि मराठवाड़ा में हालात बेहद गंभीर हैं। “यह सिर्फ फसल का नुकसान नहीं है, उपजाऊ मिट्टी तक बह गई है। किसान अब खड़े होकर खेती भी नहीं कर पा रहे हैं। मदद अगर अभी नहीं पहुंची तो स्थिति और भयावह होगी।”
छह महीने का वेतन देंगे वडेट्टीवार
प्रभावित किसानों की मदद के लिए वडेट्टीवार ने एक प्रतीकात्मक घोषणा करते हुए कहा कि वह विधायक के रूप में मिलने वाला छह महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे। साथ ही उन्होंने सभी दलों के विधायकों से अपील की कि वे भी राहत कोष में योगदान दें।
