मुंबई। महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार ने बुधवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) को सख्त निर्देश दिए कि शहर में चल रहे सड़क सीमेंटकरण कार्यों से जुड़ा डैशबोर्ड और अधिक पारदर्शी और उपयोगी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि जिन ठेकेदारों की वजह से पानी की पाइपलाइन, बिजली कनेक्शन या सीवर जैसी उपयोगिताएं क्षतिग्रस्त होती हैं, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही सड़क किनारे खुदे गड्ढों को 15 दिनों के भीतर भरना अनिवार्य होगा।
शेलार ने कहा—
“डैशबोर्ड ऐसा होना चाहिए कि लोग सीधे अपने इलाके की सड़क संबंधी शिकायतें अपलोड कर सकें। इसमें क्षतिग्रस्त पाइपलाइन, बिजली व सीवर जैसी समस्याओं का ब्योरा भी होना चाहिए, और इसकी जिम्मेदारी ठेकेदारों पर तय होनी चाहिए।”
सड़क निर्माण की वर्तमान स्थिति
बीएमसी के अनुसार मुंबई में कुल 2,121 सड़कें हैं। इनमें से:
- 771 सड़कें पूरी तरह सीमेंटकरण हो चुकी हैं।
- 574 सड़कें आंशिक रूप से पूरी हुई हैं।
- 776 सड़कों पर अभी काम शुरू होना बाकी है।
फेज़ 1 और 2 में शामिल कुल 798 किमी सड़क कार्य में से अब तक 342 किमी का काम पूरा हो चुका है।
एच-वेस्ट वार्ड (बांद्रा वेस्ट, खार वेस्ट, सांताक्रुज वेस्ट) की स्थिति
इस वार्ड में कुल 157 सड़कें हैं, जिनमें से:
- 54 पूरी हो चुकी हैं,
- 47 आंशिक रूप से पूरी हैं,
- 60 पर काम शुरू होना बाकी है।
कुल 53 किमी सड़क लंबाई में से लगभग 44.47 किमी का काम पूरा कर लिया गया है।
डैशबोर्ड और पारदर्शिता
बीएमसी ने ‘सीमेंट कॉन्क्रीटाइजेशन रोड्स इन मुंबई’ नामक डैशबोर्ड 4 सितंबर से जनता के लिए उपलब्ध कराया है। इसमें शामिल है:
- सड़कों की पूरी सूची,
- मैपिंग और फोटोग्राफ्स,
- ठेकेदारों व अधिकारियों की जानकारी,
- आगामी कार्ययोजना।
शेलार ने निर्देश दिया कि:
- नई सड़क निर्माण की अनुमति देने से पहले सीवर, पानी और बिजली कार्यों का मैपिंग और समन्वय किया जाए।
- नागरिकों की शिकायतें दर्ज होने पर 15 दिनों में समाधान कर रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
- एच-वेस्ट वार्ड में काम कर रहे दो ठेकेदारों में से जो गुणवत्तापूर्ण और समय पर कार्य देगा, उसे ही भविष्य की प्राथमिकता दी जाएगी।
मानवीय पहलू
मुंबई जैसे व्यस्त शहर में टूटी-फूटी सड़कें, खुले गड्ढे और बार-बार खुदाई लोगों के जीवन को बेहद प्रभावित करती हैं। लोग रोज़ाना ट्रैफिक जाम, दुर्घटनाओं और पानी-बिजली बाधित होने जैसी परेशानियों का सामना करते हैं। ऐसे में एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली आम नागरिकों की राहत का बड़ा कदम मानी जा रही है।
