रायपुर, 24 सितंबर 2025।
राजधानी रायपुर के सरोना स्थित शुभम “के मार्ट” में उस समय खास माहौल देखने को मिला, जब प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय स्वयं ग्राहकों के बीच पहुँचकर जीएसटी दरों में कमी का वास्तविक लाभ परखने लगे। मुख्यमंत्री ने खुद घरेलू सामान की खरीदारी की और यूपीआई से 1,645 रुपये का भुगतान भी किया।
खरीदारी करते हुए उन्होंने गृहिणियों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों से बातचीत की। सभी ने साझा किया कि जीएसटी सुधारों से दवाइयों, स्टेशनरी और राशन जैसे रोजमर्रा के सामान अब पहले से सस्ते हो गए हैं। मुख्यमंत्री मुस्कुराते हुए बोले—“यही तो सुधार का मकसद है, कि कागज़ से निकलकर बदलाव आम जनता के जीवन तक पहुँचे।”

लोगों की आवाज़ – राहत और खुशी
- रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी टी.पी. सिंह ने कहा – “पहले जितने पैसों में 30 दिन का राशन मिलता था, अब 40 दिन का आ रहा है। यह सिर्फ टैक्स कटौती नहीं, बल्कि ऐतिहासिक ‘बचत क्रांति’ है।”
- लद्दाराम नैनवानी, अवंती विहार निवासी, ने स्टेशनरी पर राहत की बात साझा की। उन्होंने मुख्यमंत्री को नोटबुक दिखाते हुए कहा – “पहले इस पर 12% टैक्स लगता था, अब जीरो हो गया है। बच्चों की शिक्षा सामग्री पर अब हर साल 240 रुपये तक की बचत हो रही है।”
- मुरलीधर, एक ग्राहक, बोले – “मैं चार चीज़ लेने आया था, लेकिन दरें कम देखकर चार गुना सामान खरीद लिया।”
- देवांगन दंपति ने बताया कि उनके मासिक घरेलू बजट में करीब 10% की कमी आई है। गृहिणी पद्मा देवांगन ने कहा – “अब डिटर्जेंट और मसाले भी पहले से सस्ते हो गए हैं।”
- सविता मौर्य और अनीता साकार, जो नवरात्रि के लिए श्रृंगार सामग्री खरीदने आई थीं, ने कहा – “इस बार त्योहारी खरीदारी सच में सस्ती हुई है। पहले जो चीज़ें बजट से बाहर थीं, अब आसानी से आ रही हैं।”

मुख्यमंत्री का आत्मीय जुड़ाव
मार्ट में खरीदारी कर रहे लोगों ने मुख्यमंत्री को अपने बीच आम आदमी की तरह देखकर गद्गद होकर कहा – “आज प्रदेश का मुखिया जनता के बीच ग्राहक बनकर खड़ा है।”
साय ने सभी से “स्वदेशी उत्पादों का उपयोग बढ़ाने” का आग्रह किया। लोगों ने भी स्वर मिलाते हुए कहा – “आप आगे बढ़िए, हम आपके साथ हैं।”
त्योहारों पर बड़ा तोहफ़ा
जीएसटी दरों में कटौती से पूरे राज्य में त्योहारी सीजन पर बाजारों की रौनक बढ़ गई है। लोग बजट से अधिक खरीदारी कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि “यह सुधार कागज़ी आंकड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि हर परिवार की ज़िंदगी में महसूस किया जा सकने वाला बदलाव है।”

