केरल में ब्रेन-ईटिंग एमीबा से 70 से अधिक मामले, 20 से ज्यादा मौतें; तमिलनाडु ने दी चेतावनी

केरल में प्राथमिक एमीबिक मेनिन्जोएन्सेफेलाइटिस (PAM) के 70 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें 20 से अधिक मौतें हुई हैं। इसे आमतौर पर “ब्रेन-ईटिंग एमीबा” कहा जाता है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि मामलों के कारणों की जांच की जा रही है, लेकिन राज्य ने सभी माइक्रोबायोलॉजी लैब्स में अपनी टेस्टिंग सुविधाएं विकसित कर ली हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने पत्रकारों से कहा, “2023 के बाद हमने हर एन्सेफलाइटिस के मामले की रिपोर्टिंग अनिवार्य कर दी है और इसके कारण की पहचान भी की जा रही है। यही वजह है कि केरल में एमीबिक मेनिन्जोएन्सेफेलाइटिस के मामले सामने आ रहे हैं।”

तमिलनाडु ने दी चेतावनी:
आसपास के राज्य तमिलनाडु ने अब स्विमिंग पूल और वाटर थीम पार्कों में सख्त निगरानी और स्वच्छता बनाए रखने की अपील की है। विशेषज्ञों के अनुसार, Naegleria fowleri एमीबा स्वस्थ बच्चों और युवाओं को प्रभावित करती है, विशेषकर स्थिर और गर्म पानी वाले स्थानों में। प्रारंभिक लक्षण मेनि‍ंजाइटिस जैसे होते हैं, जिससे समय पर पहचान मुश्किल हो जाती है।

त्योहारी सीजन में तमिलनाडु और केरल के बीच काफी लोग यात्रा करते हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने जनता से पानी के उपयोग में सावधानी बरतने की सलाह दी है। हालाँकि तमिलनाडु में यह रोग गंभीर खतरा नहीं माना जाता, लेकिन सावधानियों से जोखिम कम किया जा सकता है

केरल में फैलाव:
पहले यह संक्रमण मुख्य रूप से कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में पाया गया था, लेकिन अब यह अलग-अलग जगहों पर फैल रहा है। अधिकारियों के अनुसार, यह संक्रमण किसी एक पानी के स्रोत से नहीं आया है और अधिकतर मामले अलग और अलगावपूर्ण हैं।

2024 में केरल में 39 मामले दर्ज हुए थे, जिसमें 23% मृत्यु दर थी। इस साल अब तक लगभग 70 मामले सामने आए हैं, जिनमें लगभग 24.5% लोगों की मौत हुई। डॉक्टरों का कहना है कि बढ़ती संख्या का कारण बेहतर पहचान और अत्याधुनिक लैब्स हैं।

संक्रमण और लक्षण:
Naegleria fowleri एमीबा गर्म और उथले ताजे पानी में रहती है, जैसे झील, नदी और गर्म सोते। यह मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है। आमतौर पर यह तब संक्रमण फैलाती है जब संक्रमित पानी नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता है।

प्रारंभिक लक्षणों में शामिल हैं:

  • तेज बुखार
  • गंभीर सिरदर्द
  • मतली और उल्टी
  • थरथराहट
  • मेनिन्जाइटिस जैसे लक्षण (सख्त गर्दन, तेज रोशनी से संवेदनशीलता)
  • मानसिक भ्रम
  • कोमा

रोकथाम के उपाय:

  • गर्म स्थिर पानी में तैरना, वॉटरस्पोर्ट्स करना या नाक में पानी जाने से बचें।
  • नेति पॉट या नाक की सफाई के उपकरणों में नल का पानी इस्तेमाल न करें, फिल्टर का उपयोग करें।
  • पानी को क्लोरीन ब्लिच से डिसइंफेक्ट करें।
  • गर्म पानी में जाने के बाद बुखार या सिरदर्द के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

सुरक्षा और जागरूकता के जरिए इस दुर्लभ लेकिन घातक रोग से बचा जा सकता है।